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संत हिरदाराम नगर :- कारगिल विजय भारतीय सैनिकों के शौर्य, वीरता व बलिदान की वीरगाथा - कर्नल नारायण पारवानी
शहीद हेमू कालानी एज्युकेशनल सोसाइटी द्वारा संचालित विद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा संयुक्त रूप से कारगिल विजय रजत जयंती महोत्सव का गरिमामय आयोजनशहीद हेमू कालाणी ऐजुकेशनल सोसायटी द्वारा संस्था के अध्यक्ष परम श्रद्धेय श्री सिद्ध भाऊ की गरिमामयी उपस्थिति में कारगिल विजय रजत जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में पधारे कर्नल नारायण पारवानी ने वीर सैनिकों के शौर्य एवं उनकी शहादत को पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया।इस अवसर पर भारतीय सेना के सुबेदार मेजर तेजासिंह सोढी, सुबेदार वाय डी सिंघा, सुबेदार मनीमोहन सिन्हा, हवलदार एस एन देशमुख, इंजीनियर एन एस सोलंकी, शहीद हेमू एजुकेशनल सोसायटी के उपाध्यक्ष हीरो ज्ञानचंदानी, सचिव घनश्याम बूलचंदानी, एल सी जनियानी, थावर वरलानी, संत हिरदाराम गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्य डॉ. डालिमा पारवानी, सभी संस्थाओं के संस्था प्रमुख एवं बड़ी संख्या में छात्र- छात्राएं उपस्थित थी।श्रद्धेय सिद्ध भाऊ ने अपने आशीर्वचनों में कहा कि हम सभी को भारतीय सेना एवं सैनिकों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए। निश्चित ही कारगिल का युद्ध कठिन था परन्तु हमारी सेना ने शौर्य, साहस और वीरता का प्रदर्शन कर विजय प्राप्त की। कर्नल नारायण पारवानी हमारे आदर्श है। वह सदैव युवाओं को भारतीय सेना में भविष्य निर्माण के लिये मार्गदर्शित एवं प्रेरित करते है।आपने कहा कि रक्षा सेवाओं में बिटियाओं के लिये अपार संभावनाएं हैं। आप सभी अपनी शक्तियों को पहचान कर रक्षा सेवाओं के माध्यम से देश सेवा में अपना योगदान दे।मुख्य अतिथि एवं वक्ता कर्नल नारायण पारवानी ने इस गरिमामय अवसर पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह कार्यक्रम बहुत विशेष है। कारगिल विजय दिवस भारतीय सैनिकों के शौर्य, वीरता व बलिदान की वीरगाथा है। आपने ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन सफेद सागर और ऑपरेशन तलवार का उल्लेख करते हुए कारगिल विजय प्राप्ति में भारतीय सैनिकों के अभूतपूर्व योगदान को सविस्तार प्रभावी ढंग से बताया। आपने कहा कि कारगिल की ऊंची पहाडियों पर पहुंचना सैनिकों के लिये बडी चुनौती थी, लेकिन देश के प्रति बलिदान की भावना, वीरता व अदम्य साहस से उन्होने कारगिल पर विजय प्राप्त की। हमारे सैनिकों में जीत का जुनून था। भारत के युद्धों के इतिहास में यह पहला अवसर था जब आम जनता को युद्ध संबंधी जानकारी टीवी के माध्यम से सीधे मिल रही थी। इस युद्ध के दौरान पूरा देश एक सूत्र मे बंध गया था।पारवानी ने विभिन्न वीडियोज़ के माध्यम से कारगिल युद्ध एवं जांबाज सैनिकों की वीरता व बलिदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देशभक्ति से परिपूर्ण इस प्रकार के आयोजन संस्था द्वारा सदैव आयोजित किये जाते है। हम सभी को इस दिन कारगिल के शहीदों को याद कर उन्हे अपने श्रद्धासुमन अर्पित करना चाहिए।आपने कहा कि कारगिल विजय रजत जयंती के अवसर परमाननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कारगिल युद्ध स्मारक पर शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होना हमारे लिये गर्व की बात है।संस्था द्वारा सभी अतिथियों का सरोपा एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया।कार्यक्रम का सफल संचालन एवं आभार प्रदर्शन0 प्रमिता दुबे परमार द्वारा किया गया।
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