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संत हिरदाराम नगर :- टर्मिनल के रूप में विकसित हो संत हिरदाराम नगर स्टेशन बेकार पड़ी है रेलवे की 50 एकड़ जमीन, उसका सदपयोग जरूरी
भोपाल। संत हिरदाराम नगर की अग्रणी सामाजिक संस्था सिंधी सेन्ट्रल पंचायत ने कहा है कि अब जबकि राजधानी भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन के बदले हुए स्वरूप का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकार्पण करने जा रहे हैं, तब राजधानी के ही सबसे बड़े उपनगर एव प्रदेश के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र संत हिरदाराम नगर रेलवे स्टेशन का भी कायाकल्प करने की मांग उठी है। पंचायत सहित कपड़ा एसोसियेशन, ग्रेन मर्चेन्ट एसोसियेशन सहित अनेक संगठनों ने कहा है कि जिस तरह से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को आधुनिक रूप दिया गया है, उसी तरह संत हिरदाराम नगर रेलवे स्टेशन का भी उसी के अनुरूप विकसित किया जाकर इसे मुख्य टर्मिनल बनाया जाए।
बेकार पड़ी है 50 एकड़ जमीन
पंचायत के संस्थापक नानक चंदनानी, सलाहकार एवं रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के राष्ट्रीय सलाहकार नितेश लाल, संरक्षक प्रकाश मीरचंदानी, ईश्वरदास हिमथानी, अध्यक्ष एनडी खेमचंदानी, महासचिव सुरेश जसवानी, प्रवक्ता महेश खटवानी, कपड़ा एसोसियेशन के अध्यक्ष कन्हैयालाल ईसरानी, ग्रेन मर्चेन्ट एसोसियेशन के अध्यक्ष जगदीश आसवानी, जहां भोपाल के मुख्य रेलवे एवं रानी कमलापति स्टेशन के अधिक विस्तार के लिए जगह उपलब्ध नहीं है, वहीं राजधानी के तीसरे संत हिरदाराम नगर स्टेशन के उत्तरी दिशा में लगभग 50 एकड़ जमीन सालों से बेकार पड़ी है। जहां कम से 10 नए प्लेटफार्म विकसित किए जा सकते हैं। यहां ट्रेनों के वाशिंग से लेकर रखरखाव के लिए सम्पूर्ण व्यवस्थाएं अगर रेलवे करना चाहे तो उसके लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध है, जिसका सालों से कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
यहां से शुरू करें पश्चिम दिशा की ट्रेन
सिंधी सेन्ट्रल पंचायत ने कहा है कि वर्तमान में भोपाल स्टेशन पर ट्रेनों का सर्वाधिक दबाव है। प्लेटफार्म खाली न होने के कारण कई ट्रेनों को आउटर पर रोक दिया जाता है, जिससे न केवल समय बल्कि बिजली का भी अधिक खर्च होता है इसकी जगह खासतौर पर ऐसी ट्रेने जो संत हिरदाराम नगर से गुजरकर सीहोर व उज्जैन दिशा तथा उससे आगे जाती हैं जिनमें मुख्य रूप से भोपाल जयपुर, भोपाल दाहोद, भोपाल इंदौर इंटर सिटी आदि ट्रेने हैं, उन्हें संत हिरदाराम नगर स्टेशन से प्रारंभ किया जाए, ताकि भोपाल स्टेशन से बैंग्लुरू आदि जगहों के लिए प्रस्तावित ट्रेनों के लिए प्लेटफार्म खाली मिल सके। इसी तरह सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को भोपाल से कुर्ला (मुम्बई) के मध्य चलने वाली ट्रेन को भी संत हिरदाराम नगर से प्रारंभ करने की मांग सालों पुरानी है। इतना ही नहीं संत हिरदाराम नगर स्टेशन से पश्चिम दिशा के लिए सूरत, अहमदाबाद, मुम्बई, अजमेर, जयपुर के अलावा गुजरात, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों हेतु ट्रेने प्रारंभ करने से न केवल भोपाल स्टेशन का बोझ कम होगा बल्कि रानी कमलापति स्टेशन की तरह संत हिरदाराम नगर भी राजधानी भोपाल के तीसरे सबसे बड़े स्टेशन का रूप ले सकेगा। कुछ ट्रेनों का स्टापेज खत्म हो भोपाल
हालांकि गुजरात एवं राजस्थान से आने वाली और दिल्ली तथा झांसी की तरफ जाने वाली कई ट्रेनों को संत हिरदाराम नगर व्हाया निशातपुरा से विदिशा रूट पर टर्न किया जा रहा है, लेकिन जो ट्रेने जिसमें मुख्य रूप से मालवा एक्सप्रेस शामिल है, उज्जैन से आकर व्हाया भोपाल से दिल्ली जा रही है, उनका स्टापेज भी भोपाल स्टेशन खत्म कर संत हिरदाराम नगर से निशातपुरा व्हाया विदिशा बीना किए जाने की जरूरत है। इस तरह दिल्ली जाने वाले यात्रियों का समय बर्बाद होने से बचाया जा सकता है।
ओव्हर ब्रिज की सख्त जरूरत
पंचायत महासचिव सुरेश जसवानी एवं प्रवक्ता महेश खटवानी ने बताया कि जहां सुभाष नगर में रेवले फाटक पर भी ओवर ब्रिज तैयार हो गया है, वहीं संत हिरदाराम नगर के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार हुआ है। यहां 1987 से ओवर ब्रिज की मांग की जा रही है, जब पहली बार 23 मार्च 1987 को स्वर्गीय रेल राज्य मंत्री माधवराव सिंधिया ने ओवर ब्रिज की घोषण करते हुए 4 करोड़ की राशि का बजट में प्रावधान भी करवाया था। हालांकि वर्ष 2020-21 के बजट में ओवर ब्रिज के लिए प्रदेश सरकार ने भी लगभग 100 करोड़ की राशि का प्रावधान किया है इसके अलावा फाटक क्रमांक 114 एवं 115 पर अंडर ब्रिज हेतु रेलवे ने भी लगभग 60 करोड़ की राशि स्वीकृत की है लेकिन अभी तक न तो ओवर व न ही अंडर ब्रिज मिल सकी है जिस कारण संत हिरदाराम नगर की आबादी दो हिस्सों में बंटी हुई है। इसलिए यहां ओवर ब्रिज की तत्काल आवश्यकता है।
अलग हो निकासी मार्ग
सिंधी सेन्ट्रल पंचायत का कहना है कि संत हिरदाराम नगर स्टेशन जाने के लिए वर्तमान पहुंच मार्ग बहुत ही सकरा व अतिक्रमण का शिकार है। सिंधी सेन्ट्रल पंचायत ने मांग की है कि स्टेशन से पश्चिमी दिशा में जाने वाले मार्ग को विकसित कर वहां से निकासी मार्ग बनाया जाए। इस तरह का प्रयोग बीते सिहंस्थ के दौरान किया गया था, जो काफी सफल रहा इसे स्थाई रूप से विकसित कर वर्तमान स्टेशन रोड से वाहनों एवं यात्रियों का आगमन हो जबकि निकासी के लिए सिहंस्थ में जिस मार्ग से निकासी बनाई गई थी, उसे स्थाई किया जाए साथ ही वर्तमान स्टेशन मार्ग को अतिक्रमण से मुक्त किया जाए।
फोटोः- बंद फाटक के कारण हो रही परेशानी
प्रवक्ता
सिंधी सेन्ट्रल पंचायत
संत हिरदाराम नगर-भोपाल
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