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संत हिरदाराम नगर :- भारतीय सेना सिर्फ एक नौकरी नहीं जिंदगी जीने का तरीका है....
परमहंस संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब के आशीर्वाद से एवं उनके उत्तराधिकारी परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊ के स्नेहपूर्ण मार्गदर्शन में संचालित संत हिरदाराम इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट में दिनांक 4 अप्रैल 2024 को एक विशेष सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें कर्नल नारायण पारवानी ने भारतीय सेना के बारे में संस्थान की छात्राओं को प्रेरित किया। इस सत्र के प्रारंभ में संस्थान के डायरेक्टर डॉ. आशीष ठाकुर ने श्रद्धेय सिद्ध भाऊ, कर्नल नारायण पारवानी, घनश्यामदास बूलचन्दानी, के. ऐल. रामनानी एवं हीरो ज्ञानचंदानी का स्वागत किया। अपने स्वागत उद्बोधन में डॉ. आशीष ठाकुर ने भारतीय सशस्त्र सेना के बारे में प्रकाश डाला एवं कर्नल पारवानी जी का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कर्नल पारवानी जी ने अपने जीवन के 31 वर्ष भारतीय सेना को समर्पित किये, वे बहादुर एवं वीरता की मिसाल है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कर्नल पारवानी जी ने भारतीय सशस्त्र सेवा की वीरता, यश एवं साहस के किस्से सुनाए एवं कहां कि राष्ट्र की सेवा का सबसे बेहतर माध्यम है भारतीय सेना। उन्होंने बताया कि भारतीय सशस्त्र सेना में जल सेना, थल सेना, वायु सेना के अलावा असम राइफल्स और इंडियन कोस्ट गार्ड के साथ साथ पैरामिलिट्री संगठन भी होते हैं, जो भारतीय सशस्त्र सेना के साथ काम करते हैं। न केवल बाहरी सुरक्षा, बल्कि देश के अंदर घटने वाली आपदाओं में भी जब साड़ी व्यवस्थाएं असफल हो जाती है, तब भारतीय सेना को हमेशा याद किया जाता है। चाहे बाढ़, भूकंप, भूस्खलन, सूनामी, आगजनी हो या कोई अन्य प्राकृतिक या अन्य आपदा हो, भारतीय सेना अपने कार्य को बखूबी निभाती है। जो सम्मान भारतीय सेना को मिलता है वह अतुलनीय है। अपने देश के लिए गर्व करने की भावना को लेकर भारतीय सेना से बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता। वर्तमान में महिलाओं के लिए सेना में कई विकल्प है, जिसके द्वारा वे भारतीय सेना में अपना भविष्य को चुन सकती हैं।आपने पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन एवं वीडियो के माध्यम से भारतीय सेना में शामिल होने के लिए बहुमूल्य जानकारी को छात्राओं के साथ साझा किया। विभिन्न पदों पर कार्य करने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता, शारीरिक योग्यता एवं पदोन्नति के बारे में जानकारी दी। इससे सम्बंधित विभिन्न परीक्षाओं के बारे में एवं उनकी तयारी कैसे की जाए इसके बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में कई कई उपलब्धियां प्राप्त होती हैं, जैसे अपने कार्य के लिए संतुष्टि, मानसिक एवं शारीरिक फुर्ती, वित्तीय स्थिरता एवं समाज में एक विशेष दर्जा। यह गर्व का विषय था जब सेना का विस्तृत अनुभव पाए हुए कर्नल नारायण जी ने संस्थान की छात्राओं के लिए एक प्रेरणादायक सत्र में उद्बोधन दिया। श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी ने इस सत्र को अत्यंत महत्वपूर्ण एवं प्रेरक बताया। इस सत्र के समापन पर श्रद्धेय सिद्ध भाऊ ने कर्नल नारायण पारवानी को शॉल एवं श्रीफल से सम्मानित किया। इस सत्र में संत हिरदाराम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के अलावा संत हिरदाराम गर्ल्स कॉलेज एवं नवनिध हसोमल लखानी पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने भी सक्रिय रूप से उपस्थिति दर्ज की। डॉ. कोमल तनेजा ने इस सत्र का सफल संचालन किया।
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