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संत हिरदाराम नगर :- ग्राम कुराना में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में जमकर झूमे भक्त बच्चों को अच्छे संस्कार के लिए सत्संग की प्रेरणा देना चाहिए।
सत्संग ही जीवन का सार है। सत्संग व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल देता है। अच्छे संस्कारों द्वारा ही मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण और विकास होता है। यह बात कथा वाचक जगदीश नारायण स्वामी महाराज ने श्रद्वालुओं से कही।राजधानी के ग्राम कुराना मण्डलोई मार्केट में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक जगदीश नारायण स्वामी महाराज ने शुकदेव जन्म, परीक्षित श्राप और अमर कथा का वर्णन किया।उन्होंने आगे कहा कि बच्चों को बड़ों का आदर सम्मान का भाव बचपन से सिखाना चाहिए। माता-पिता को हमेशा सम्मान देने वाला व्यक्ति घर में रहकर भी सभी तीर्थ कर लेता है। उसे चारों धाम का पुण्य मिल जाता है। आगे उन्होंने कहा कि बुरी आदतों को छोड़कर मनुष्य को भगवान की भक्ति में लीन रहना चाहिए। मनुष्य खुद के दुःख से नहीं बल्कि दूसरों के सुख को देखकर दुःखी है। आपके पास वस्तु है तो उसका सुख नहीं होता बल्कि पड़ोसी की वस्तु देखकर दुःख होता है। इसलिए दूसरो के सुख में भी सुखी रहो और भगवान की भक्ति में लगे रहो, तो आपके पास भी दुःख क्षण भर भी नहीं टिक सकता। उन्होंने आगे कहा कि दुःख में तो भगवान का स्मरण करते है, लेकिन सुख में स्मरण करना भुल जाते हैं इसलिए भगवान का स्मरण सुख में भी करना चाहिए इससे दुःख आयेगा ही नहीं। इस अवसर पर सुमेर सिंह मण्डलोई, चन्दर सिंह मण्डलोई, गजराज सिंह मण्डलोई, उदय सिंह मण्डलोई ने व्यासपीठ की पूजन की। संतोष पाराशर ने बताया कि सभी ग्रामवासियों के द्वारा गुप्त नवरात्रि के अवसर पर भागवत पाठ व छतरी स्मारक पूजन महोत्सव चल रहा है। जहां प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक कथा चल रही है
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