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संत हिरदाराम नगर :- श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथा गोवर्धन पूजन के साथ छप्पन भोग का प्रसाद भी रखा गया....
संत हिरदाराम नगर - श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास आचार्य पंडित जीवन प्रसाद तिवारी ने गोवर्धन पूजन के साथ गोवर्धन के संबंध में अपनी बात रखते हुए कहा कि गोवर्धन पर्वतराज द्रोण के पुत्र है। एक समय दुर्वासामुनि पर्वत द्रोणगिरी गए। वहां उन्होंने गोवर्धन को उनसे मांग लिया। तब गोवर्धन ने कहा कि अगर रास्ते में आपने मुझे रख दिया तो मैं वहीं स्थापित हो जाऊंगा। दुर्वासा मुनि ने गोवर्धन की बात ली और लेकर चल पड़े। बताया जाता है कि ब्रज मंडल पहुंचते ही दुर्वासा मुनि को लघुशंका हुई। जिसकी वजह से उन्होंने गोवर्धन को वहीं रख दिया।जिसके बाद गोवर्धन वहीं पर स्थापित हो गए। कथा व्यास ने बताया कि रामायण काल में भी जब लंका जाने के लिए पुल बनाने की बात हो रही थी तो वीर हनुमान गोवर्धन को उठाकर चले ही थे कि समाचार आया कि पुल बनाने का काम पूरा हो गया है। तब हनुमान जी ने श्रीराम से कहा कि मैने गोवर्धन को आपके दर्शन करवाने का वचन दिया था। तब भगवान बोले कि गोवर्धन से कहो कि मैं उसे कृष्ण अवतार में दर्शन दूंगा।
भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन को सात दिन तक अपनी छोटी ऊंगली पर धारण करके अपना ही रूप गोवर्धन को दिया था। तभी से भक्त गोवर्धन की पूजा करके अपनी मनोकामना पूर्ण करते है। कथा व्यास जीवन प्रसाद तिवारी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है। वहीं उन्होंने कहा कि हमें भगवान की भक्ति में कंजूसी नहीं करनी चाहिए। अपने व्यस्त समय में से भगवान को भी समय देकर अराधना करनी चाहिए। इस अवसर पर पार्षद प्रतिनिधि जगदीश यादव, पंडित रवि पटेरिया, समस्त रामानंद कॉलोनी के श्रद्धालु भी मौजूद रहे।



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