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संत हिरदाराम नगर :- मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में "क्षमा दिवस" का भावपूर्ण आयोजन.....
मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में 2 अगस्त 2025 को "क्षमा दिवस" अत्यंत भावनात्मक, प्रेरणादायक एवं आत्मचिंतनपूर्ण वातावरण में श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में क्षमा, दया, सहिष्णुता, करुणा और आत्ममंथन जैसे मानवीय मूल्यों का विकास करना था।कार्यक्रम की शुरुआत प्रातःकालीन प्रार्थना सभा से हुई। इस अवसर पर शिक्षिका श्रीमती अंजू गोगिया ने "अंतरराष्ट्रीय क्षमा दिवस" के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने मन में पल रहे नकारात्मक भाव—जैसे ग़ुस्सा, ईर्ष्या, ग़लतफ़हमियाँ और पुराने मनमुटाव—को पहचानें और त्याग दें। उन्होंने कहा कि "क्षमा केवल दूसरों के लिए नहीं, बल्कि स्वयं के भीतर शांति और संतुलन प्राप्त करने का मार्ग भी है
।"उल्लेखनीय है कि पुणे स्थित साधु वासवानी मिशन की पहल पर यह कार्यक्रम दादा जे. पी. वासवानी द्वारा प्रारंभ किया गया था, जो अब एक आंदोलन का रूप ले चुका है।इस दिन को और भी अर्थपूर्ण बनाने के लिए विद्यालय में एक विशेष "क्षमा पेटी" कक्षाओं में वितरित की गई। विद्यार्थियों को एक निर्धारित प्रारूप में पर्ची लिखने को कहा गया, जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए नकारात्मक विचारों को त्यागने का संकल्प लिया। सभी विद्यार्थियों ने गंभीरता और आत्मविवेचना के साथ अपने मन की बातें लिखकर पेटी में डालीं। यह पहल बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास की दिशा में अत्यंत प्रेरक सिद्ध हुई।विद्यालय के प्राचार्य ए. एन. मणिकंडन ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा—"हमारा उद्देश्य केवल शैक्षणिक प्रगति नहीं, बल्कि मानसिक, नैतिक और भावनात्मक परिपक्वता का विकास भी है। क्षमा करना आत्मविकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बच्चों को सच्ची मानवता और आंतरिक शांति की ओर ले जाता है।"कार्यक्रम में विद्यालय के शैक्षणिक निदेशक गोपाल गिरधानी, प्राचार्य ए. एन. मणिकंडन, उपप्राचार्या रेखा केवलानी, कोऑर्डिनेटर्स, शिक्षक एवं छात्रगण उपस्थित रहे। सभी ने विद्यार्थियों की भावनात्मक अभिव्यक्ति की इस पहल की सराहना की और उन्हें हमेशा एक दयालु एवं क्षमाशील हृदय के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।अंत में सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मुस्कराते हुए एक-दूसरे से क्षमा माँगी और आपसी सौहार्द, सहयोग व सकारात्मकता के साथ एक नई शुरुआत का संकल्प लिया।यह आयोजन केवल एक दिवस का कार्यक्रम न रहकर, विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण एवं मूल्यपरक शिक्षा का एक सशक्त और अनुकरणीय उदाहरण बन गया।



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