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संत हिरदाराम नगर :- परमहंस संत हिरदाराम साहिब की अनुकंपा एवं श्रद्धेय सिद्ध भाऊ के मार्गदर्शन में शहीद हेमू कालानी एज्युकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित मिठी गोबिन्दराम पब्लिक स्कूल में ‘शिक्षक दिवस’ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम संत हिरदाराम ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों में अपने शिक्षकों के प्रति श्रद्धाभाव, सम्मान, आत्मीय विश्वास, आदरभाव, जैसे चारित्रिक गुणों का सतत् संचार करना रहा ताकि छात्र समाज के सुसभ्य नागरिक बन राष्ट्र की निधि बन सकें।संस्था के अध्यक्ष एवं प्रेरणास्त्रोत श्रद्धेय सिद्ध भाऊ ने अपने संप्रेषित संदेश में सभी शिक्षकों को ‘शिक्षक दिवस’ की बधाई एवं आत्मीय शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि शिक्षक राष्ट्र की भावी पीढ़ी को गढ़ने वाले आदर्श व्यक्तित्व होते हैं। शिक्षकों के ज्ञान की छाँव में विद्यार्थी गगनचुंबी लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है।
विद्यार्थी के चहुमुखी विकास एवं उसकी सफलता में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। अतः शिक्षक की वाणी, वेशभूषा एवं व्यवहार उन्हें समाज का अनुकरणीय आदर्श व्यक्तित्व बना देता है।संस्था सचिव ए.सी. साधवानी ने इस अवसर पर कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी अपने आप में मिठी गोबिन्दराम पब्लिक स्कूल का ब्रांण्ड एम्बेसैडर है। अतः उसे अपनी सुसभ्य, शिष्ट, संस्कारित वाणी, भाषा, अभिवादन प्रकट करने के तरीके द्वारा उससे मिलने वाले हर व्यक्ति पर अमिट छाप छोड़नी चाहिए। इसी क्रम में उन्होंने विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर बल दिया जिससे उनके भीतर आत्मविश्वास का संचार हो सकेगा। साथ ही उन्हें अच्छे संस्कारों जैसे आरती करना, पक्षियों को दाना-पानी देना, अपने माता-पिता एवं बड़ों का सम्मान करना, देशभक्ति आदि को अपने आप में समाहित करना चाहिए।संस्था सह-सचिव के. एल. रामनानी ने अपने उद्बोधन में शिक्षक दिवस के अवसर पर असीम शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि सृष्टि के समस्त क्रिया-कलाप मर्यादा से बंधे होते हैं। उसी सृष्टि की रचना मानव-मात्र का जीवन भी मर्यादित अर्थात स्वानुशसित करती है। परिणाम स्वरूप वह अपने अभीष्ट मार्ग को प्राप्त कर सकता है। प्रत्येक विद्यार्थी को अपने दैनिक क्रिया-कलापों को अनुशासन की डोर से बांधकर अपने चंचल मन पर नियंत्रण कर एवं चींटी की भाँति अनुकूल-प्रतिकूल परिस्थिति में भी अडिग रहना सीखना आना चाहिए।संस्था के अकादमिक डायरेक्टर गोपाल गिरधानी ने सभागार को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय परिसर एक बच्चे के लिए सबसे सुरक्षित स्थान होता है जहां बच्चा अपने संर्वागीण विकास करना सीखता है। विद्यार्थी जीवन में शिक्षक की भूमिका अंत्यत महत्वपूर्ण है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को बाहरी दुनिया से जोड़ने के लिए उन्हें कर्तव्य एवं संस्कारों से पोषित करते हुए उनके मानसिक स्तर को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयासरत् रहते हैं।विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व करते हुए कक्षा पांचवीं के सौमिल चैलानी, कक्षा आठवीं से लवेश वाधानी, कक्षा दसवीं से धीरज खुशलानी, सम्यक जैन एवं कक्षा ग्यारहवीं से कृष्णा सीतलानी ने शिक्षकगणों का सम्मान अपने उदगारों एवं श्रद्धा सुमन को भाषण एवं स्वरचित कविता के माध्यम से अभिव्यक्त किया।कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय की उपप्राचार्या आशा चांगलानी ने स्वागत उदबोधन दिया। स्कूल के संगीत विभाग के अंतर्गत बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। प्रबंधन समिति की ओर से सभी शिक्षकगणों एवं कार्यालयीन स्टॉफ को सम्मान निधि के रूप में चेक, उपहार एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर संस्था के समस्त सदस्य सर्व हीरो ज्ञानचंदानी (उपाध्यक्ष), ए.सी. साधवानी (सचिव), के. एल. रामनानी (सह-सचिव), घनश्याम बूलचंदानी, महेश दयारामानी, भगवान दामानी, मनोहर वासवानी, थावर वरलानी, राजकुमार मूलचंदानी, गोपाल गिरधानी (अकादमिक डॉयरेक्टर), विद्यालय प्राचार् अजय बहादुर सिंह एवं उपप्राचार्या आशा चंगलानी, कॉडिनेटर्स एवं शिक्षक-शिक्षिकाएँ एवं समस्त विद्यालय के छात्रगण उपस्थित रहे।कार्यक्रम का कुशल संचालन दुर्गा मिश्रा एवं अंजु गोगिया तथा छात्र अमर सोनी, आदित्य जैन द्वारा किया गया।कार्यक्रम का आभार मास्टर आदित्य खन्ना द्वारा किया गया।
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