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संत हिरदाराम नगर :- समाज में बदलाव के लिए जीवन मूल्यों का महत्व.....
शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैए जो एक जागरूक एवं जिम्मेदार समाज की नींव रखता है। आज समाज को भौतिक सम्पन्नता से अधिक आवश्यकता जीवन मूल्यों की है। यदि शिक्षक के द्वारा जीवन मूल्यों का बीजारोपण होए तो उसके परिणाम दूरगामी होते हैं। देश में उच्च शिक्षा की नियामक संस्था अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली ने गत वर्षों से एक पहल की हैए जिसमे जिसमें प्रोफेशनल एजुकेशन में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए विभिन्न विषयों पर फैकल्टी डेवेलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं।ष्यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूजष् नामक एक पहल हैए जिसमें मानव जीवन मूल्यों पर सार्वभौमिक स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता हैए जहाँ उनके विषय एवं पाठ्यक्रम से परेए किन्तु अधिक महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला जाता है। ये एक कार्यशाला हैए जिसमें अत्यंत ही सरल तरीके से शिक्षकों को वैल्यू एजुकेशन एवं सेल्फ एक्सप्लोरेशन के बारे में बताया जाता हैए ताकि वे अपने विद्यार्थियों के लिए जीवन में उच्च मूल्यों का महत्व सिखा सकें। चूंकि छात्र अपने शिक्षक को आदर्श मानते हैंए इसलिए यह पहल अपने उद्देश्य पूर्ण करने में अत्यंत ही सफल सिद्ध हुई है। इसी श्रृंखला में संत हिरदाराम इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट में दिनांक 8 से 10 सितंबर 2023 तक तीन.दिवसीय श्फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्रामश् यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज ;प्रारम्भिक सत्रद्ध का आयोजन किया जा रहा हैए जिसमें मध्य प्रदेश के 50 व्यावसायिक एवं तकनीकी संस्थानों के 100 से अधिक शिक्षक भाग लेंगे। इस कार्यशाला के द्वारा शिक्षकों को परिवार एवं समाज में सौहार्दता लाने के लिए जीवन मूल्यों का महत्व समझाया जाएगा। प्रथम दिवस में समसामयिक विषय जैसे शिक्षा का सम्पूर्ण विकास में योगदानए ख़ुशी एवं समृद्धिए मानव सद्भाव एवं स्वयं सद्भाव पर प्रकाश डाला जाएगा। द्वितीय दिवस में स्वास्थ्यए समृद्धिए पारिवारिक सद्भाव पर चर्चा होगी। अंतिम दिवस विश्वास एवं आदर की भावनाए सामाजिक एवं प्राकृतिक सद्भाव एवं अस्तित्व समभाव पर चर्चा होगी। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा नामित रिसोर्स मोहित श्रीवास्तव एवं डॉण् राघवेंद्र दुबे रहेंगेए जो कार्यक्रम को सुचारु रूप से संचालित करने में अपना योगदान देंगे। कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में संस्थान के डायरेक्टर डॉण् आशीष ठाकुर ने संस्थान के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया एवं विजन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में संस्कारों का महत्व बताने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का होना अति आवश्यक है। उन्होंने तीन दिन की यात्रा के बारे में प्रस्तावना पेश की एवं आह्वान किया कि सभी प्रतिभागियों को परिवर्तन के साक्षी बनना है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी एवं कहा कि यह कार्यक्रम अपने उद्देश्य में अवश्य ही सफल होगा। संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर हीरो ज्ञानचंदानी ने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार बेहद जरूरी होते हैं। मूल्य आधारित शिक्षा ही एक उचित समाज का निर्माण करती है। उन्होंने संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब के विज़न को साकार करने के प्रयासों को बताया एवं कहा कि सेवा भाव के साथ हम एक बेहतर समाज की कल्पना कर सकते हैंए जिसमें व्यवहार एवं संस्कार अत्यधिक मायने रखते हैं। कार्यक्रम के रिसोर्स पर्सन डॉण् राघवेंद्र दुबे ने मानवीय आचरण के बारे में विस्तृत रूप से बताया एवं कहा कि 1980 में जीवन मूल्यों पर प्रथम सार्थक कदम उठाया गया थाए जिसके फलस्वरूप वर्तमान में 10 से अधिक राज्य एवं 40 से अधिक विश्वविद्यालयों के एक लाख से अधिक टीचर्स ने इस प्रोग्राम को अंगीकार किया है। मोहित श्रीवास्तव ने अपने प्रथम सत्र में संस्कारए दृष्टिए मूल्य एवं आचरण के बीच में संबंध को समझाया एवं कहा कि समझए संबंध एवं सुविधा में तालमेल होना अत्यधिक जरूरी है। जब हम किसी चीज को अच्छे समझते हैं एवं अपने संबंधों को प्राथमिकता देते हैं तो हमें असीम खुशियां देता है। उसके साथ जब हम सुविधा को जोड़ते हैं तो वह समृद्धि की ओर ले जाता है। उन्होंने समृद्धि को व्यक्तिगत स्तर परए परिवार स्तर पर एवं एवं समाज के स्तर पर ले जाने के रूप को विस्तार से समझाया।
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