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संत हिरदाराम नगर :- नवयुवक परिषद के शिक्षक-शिक्षिकाओं हेतु सम्मान समारोह का गरिमामय आयोजन
परमहंस संत हिरदाराम साहिब की असीम अनुकंपा एवं श्रद्धेय सिद्ध भाऊ के मार्गदर्शन में कार्यरत, उपनगरी की अग्रणी सामाजिक संस्था नवयुवक परिषद द्वारा संचालित निःशुल्क कोचिंग कक्षाओं में पढ़ाने वाले शिक्षकों का सम्मान समारोह साधु वासवानी स्कूल स्थित नंदवानी ऑडिटोरियम में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य था विद्यार्थियों में अपने शिक्षकों के प्रति आदर, सम्मान एवं श्रद्धाभाव जैसे चारित्रिक गुणों का सतत् संचार करना ताकि छात्र समाज के सुसभ्य नागरिक बन एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकें।इस अवसर पर नवयुवक परिषद की सहयोगी इकाइयों स्वामी विवेकानंद कॅरियर एकेडमी के शिक्षकों, भगवान कला केंद्र में कम्प्यूटर, सिलाई, फैशन डिजाइनिंग समेत संचालित होने वाले विभिन्न कोर्सेस के ट्रेनर्स, इंस्ट्रक्टर्स एवं नीतू महतानी मेमोरियल लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन समेत सभी इकाइयों के ऑफिस स्टॉफ को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर परिषद के वरिष्ठ मार्गदर्शक हीरो ज्ञानचंदानी ने सभागार को संबोधित करते हुए समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं को ‘शिक्षक दिवस’ की आत्मीय शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि शिक्षक ही विद्यार्थी के जीवन का श्रेष्ठ शिल्पकार है, जो अपनी जीवनदायिनी तेजस्विता से छात्र, समाज और राष्ट्र को सुसज्जित करता है। विद्यार्थी-जीवन तप, संयम, समय प्रबंधन और सतत् परिश्रम करने का समय है, इसे गंभीरता से लें ताकि आपके जीवन में ज्ञान ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।इसके साथ ही उन्होंने अपने उद्बोधन में शिक्षकों को अपने कर्तव्यों को पूरा करने को कहा। उनका कर्तव्य इन निर्धन किंतु मेधावी विद्यार्थियों के जीवन को और अच्छा बनाना है। विद्या अर्जन ही विद्यार्थी की शक्ति है। छात्र-छात्राएं इसी शक्ति के बलबूते गगनचुम्बी लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।अभावग्रस्त जीवन लक्ष्य प्राप्ति में बाधक नहीं बन सकता।इसके पूर्व संस्था के उपाध्यक्ष ए. सी. साधवानी ने अपने स्वागत उद्बोधन में कार्यक्रम में पधारे सभी सम्मानीय महानुभावों का स्वागत करते हुए कहा कि परिषद का कार्य अपने आप में अनूठा है। यह पूरी तरह से कार्यकर्ताओं के माध्यम से संचालित संस्था है।आपने सभी को परिषद की शुरुआत कैसे हुई, इसकी भी जानकारी प्रदान की। विद्यार्थियों के निःशुल्क शिक्षण के साथ ही परिषद के अन्य कार्य जैसे निर्धन परिवारों को राशन एवं चिकित्सीय सहायता, उपनगर व आस पास के ग्रामों में स्थायी नलकूपों द्वारा पेयजल व्यवस्था, नीतू महतानी मेमोरियल लाइब्रेरी व स्वामी विवेकानंद कैरियर अकादमी के माध्यम से रोजगार हेतु मार्गदर्शन व भगवान कला केंद्र द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षण आदि अतुलनीय हैं। परिषद प्रति वर्ष 2100 से भी अधिक निर्धन किंतु मेधावी बच्चों को केवल शिक्षा ही नही प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर उनके उज्जवल भविष्य की भी निर्माता बन रही है। उन्होने कहा कि सदैव परोपकार की भावना रखनी चाहिए, जिससे आप स्वयं सुखी एवं समृद्ध बनेंगे।शिक्षक दिवस के इस पावन अवसर पर नवयुवक परिषद की छात्र– छात्राओं मुस्कान अवतानी, चित्रा भोजवानी, सौरव वासवानी, मन्नत आहूजा, हर्षित नरवानी, जीतेश आसवानी ,कोमल गुनवानी, कशिश बसवानी, खुशबू, कोमल नागदेव, पायल गिदवानी, प्रिया केसवानी, दीपेश राजपाल, भूमि नामदेव, खुशी लीलानी, डिंकी गुरनानी, मेघा मनवानी एवं डिंकी मेंघानी ने गुरु वंदना, कविता एवं विचारों के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपने सम्मान एवं कृतज्ञता के भाव प्रकट करते हुए सभागार में उपस्थित सभी गणमान्यों का मन मोह लिया।नवयुवक परिषद के शिक्षक-शिक्षिकाओं की कर्मनिष्ठा एवं समर्पण भाव का सम्मान करते हुए नवयुवक परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा आशीर्वाद स्वरूप उन्हें उपहार भेंट किए गए।इस अवसर पर नवयुवक परिषद के विभिन्न पदाधिकारी एवं कार्यकर्तागण सर्व हीरो ज्ञानचंदानी, ए.सी. साधवानी,महेश दयारामानी, परिषद के महासचिव थावर वरलानी, घनश्याम बूलचंदानी, भगवान दामानी, वासदेव मोतियानी, रमेश लालवानी, मनोहर लाल आसवानी, गोपाल गिरधानी, पलाश रिझवानी, सुश्री शालू वरलानी, दुर्गेश सेन, प्रीति आहूजा समेत समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएँ एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथिगणों, गुरुजनों, एवम विद्यार्थियों का आभार प्रदर्शन शालू वरलानी द्वारा किया गया।कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ शिक्षिका लता आसनानी और नीतू आहूजा ने किया।
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