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संत हिरदाराम नगर :- संत हिरदाराम कॉलेज ऑडिटोरियम में शनिवार को "एक राष्ट्र, एक चुनाव" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, मध्य प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, और विधायक रामेश्वर शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। संगोष्ठी का उद्देश्य भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ बनाना तथा देशभर में एक साथ चुनाव कराने के लाभों के प्रति जन-जागरूकता फैलाना था।
कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और छात्रों ने हिस्सा लिया और "एक राष्ट्र, एक चुनाव" के विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। संगोष्ठी में शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं की विशेष भागीदारी देखने को मिली, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि युवा वर्ग भी इस विषय में रुचि रखता है और इसके प्रभावों को समझना चाहता है
। कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन और कार्यशैली पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसे उपस्थितजनों ने सराहा। यह संगोष्ठी "एक राष्ट्र, एक चुनाव" पर राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे विमर्श में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जो भविष्य में चुनाव प्रणाली में संभावित सुधारों की दिशा में मार्गदर्शक सिद्ध हो सकती है।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि भारतीय जनता एक साथ चुनाव करना चाहते हैं कि दिल्ली में केंद्र में मोदी लहर है और केंद्र के जब चुनाव के साथ राज्य के चुनाव होंगे तो सभी दूर भारतीय जनता पार्टी या उसके समर्थक लोग चुनाव जीत जाएंगे मैं विपक्ष को यह बात बताना चाहता हूं कि भारत का मतदाता बहुत समझदार होता है इसके दो उदाहरण में देना चाहूंगा एक उड़ीसा में जब हमारे नवीन पटनायक मुख्यमंत्री थे लोकसभा और विधानसभा के चुनाव स्थिति बस एक साथ हुई तो लोगों ने केंद्र में मोदी सरकार को वोट दिया और राज्य में बीजेपी को देते हुए भाजपा जो बीजू जनता दल का दल है उसको वोट दिया एक तरफ विधानसभा में एक दल को और केंद्र में
एक दल को इसके साथ और भी बड़ा उदाहरण देना चाहूंगा जब ग्रामीण बताता चुनाव में वोट देता है तो एक साथ जिला पंचायत सदस्य जनपद सदस्य पांच और सरपंच को वोट देता है मैं तो आदिवासी क्षेत्र से आता हूं वह सही 80 साल की दादी भी जब घर से वोट दे दे निकलती है तो अपने याद कर लेती है कि मेरे को लालटेन पर पांच को वोट देना है और बैलगाड़ी पर सरपंच को वोट देना है और मुझे चलते दिए में जनपद सदस्य को वोट देना है और जिला पंचायत व्यक्ति को इस दल इस निशान पर वोट देना है और ग्रामीण क्षेत्र में जिसको वह चाहते हैं चार-चार बोर्ड जिनके बारे में सोचा जाता है कि वह वोट देते समय समझदारी का उपयोग करते कि नहीं जहां डाल के निशान नहीं होते वहां भी मतदाता समझदारी सपोर्ट देता है और इसलिए यह सोचने आचार संहिता रहती है और इसलिए हमें मोदी के नेतृत्व में 2030 तक इस देश को तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनाना है तो हमें समाज का समय और राज का धन बचाना पड़ेगा और अगर हम सपना देखते हैं कि 2050 में चीन और अमेरिका के भी आगे भारत के इकोनॉमी रहे तो हमें इस विषय पर जरूर ध्यान देना चाहिए क्योंकि समय और धन आने वाले कल की जरूरत है यह रस और यह समाज जब भी आगे बढ़ेगा जब हम इन दोनों विषय की चिंता करेंगे और खासकर 2050 में आज युवा पीढ़ी जो हमारे रामेश्वर जी के कारण आज यहां आई है उसको 2050 में इस देश का नेतृत्व करता है वह जब भी मजबूत हो पाएगी जब एक रात एक चुनाव की अवधारणा पूरे देश में लागू होगी मैं आप सब बच्चों को इस बात के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा कि एक विषय जो राजनीतिक हो सकता है लेकिन 18 साल का बच्चा भी उसे विषय पर गंभीरता से भाषण देता है यह इस बात का उदाहरण है कि इस देश में युवा पीढ़ी यात्रा हो गई है और इस बात का संकेत है कि 2050 में यही देश दुनिया का नेतृत्व करेगा यही पीढ़ी उसे देश का नेतृत्व करेगी मैं अपनी बात समाप्त करना चाहूंगा धन्यवाद
राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, अपने उद्बोधन ने कहा पहले इलेक्शन 1952 उसके 5 साल बाद 1957 और उसके 5 साल बाद 1964 यह तीन इलेक्शन देश के अंदर असेंबली और लोकसभा के एक ही साथ हुए जब देश के अंदर कांग्रेस की सरकारों में दूसरे दलों की सरकारों को भंग किया तो फिर बीच में मिड इलेक्शन या मध्य अधिक चुनाव की परंपरा शुरू सकता है तो यह व्यवस्था आज भी पुनः लागू हो सकती है आगे से लागू करने में कोई समस्या नहीं है अलग-अलग इलेक्शन होने के कारण से समस्या क्या-क्या है तो एक साल जैसे हम देखेंगे मध्य प्रदेश के अंदर पिछले लगभग 2 साल पहले नवंबर के महीने में मध्य प्रदेश की जनता ने यहां पर सरकार को चुना और हमारे मोहन जी मुख्यमंत्री बने लेकिन जैसे ही नवंबर में चुनाव समाप्त हुआ वैसे ही फरवरी और मार्च में लोकसभा का इलेक्शन यानी एक सरकार
5 साल के लिए चुनी जाती है तो बीच में तीन अथवा कर चुनाव और हम यदि लोकसभा के चुनाव से लोकसभा के चुनाव की चर्चा करें तो बीच में असेंबली कनेक्शन आ जाता है पर शहरों के अंदर लोकल बॉडी का चुनाव होता है जिससे मेयर और पार्षद चुने जाते वह आता है ग्रामीण क्षेत्र के अंदर पंचायत का चुनाव होता है जिससे जिला पंचायत के अध्यक्ष और सदस्य चुने जाते हैं प्रधान चुने जाते हैं 3 टायर सिस्टम उसको बोलते हैं और कोऑपरेटिव की अलग-अलग संस्थाओं का चुनाव भी आता है तो जब चुनाव आता है तो जनता को वोटो को प्रभावित करने के लिए सरकारी कोई योजना घोषित न कर सके इसलिए आदर्श आचार संहिता लागू होती है इस 45 दिन में सरकार कोई डेवलपमेंट का काम नहीं कर सकती सरकार को योजना घोषित नहीं कर सकती प्रैक्टिकल सरकार रहती नहीं है चुनाव आयोग के अंतर्गत सरकार आ जाती है मुख्यमंत्री सरकारी हेलीकॉप्टर को लेकर घूम सकता है विधायक सांसद मंत्री वह तो सरकारी गाड़ी का सुविधाओं का उपयोग भी नहीं कर सकते






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