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संत हिरदाराम नगर :- षिक्षा स्वयं के लिये और समाज के विकास के लिए भी जरूरी है षिक्षा ही विकास की पहली सीढ़ी है।
संस्कार विद्यालय में षिक्षक सम्मान समारोह बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सेवा भारती के राष्ट्रीय सचिव रामेन्दर, विषेष अतिथि बाल आयोग की सदस्या डॉ. निषा सक्सेना, संस्था के अध्यक्ष सुषील वासवानी, सचिव बसंत चेलानी, सहसचिव नरेष वासवानी, कोषाध्यक्ष चन्दर नागदेव, कमल प्रेमचन्दानी, अजय सक्सेना, कार्तिक सक्सेना, द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ एवं गीता के श्लोकों का वाचन कर एवं माँ सरस्वती, संतजी एवं सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मूर्ति पर दीपप्रज्ज्वलन एवं मार्ल्यापण कर किया गया तत्पष्चात विद्यालय के विद्यार्थियों ने सभी षिक्षक एवं षिक्षिकाओं का तिलक लगाकर एवं उनकी आरती उतार कर उनकी वन्दना की। सर्वप्रथम संस्था के सचिव बसंत चेलानी आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए एवं परिचय देते हुए सभी को षिक्षक दिवस की बधाई दी एवं कहा कि संस्कार विद्यालय में आज षिक्षक सम्मान समारोह मनाया जा रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि षिक्षक ज्ञान का भण्डार होते है, अतः विद्यार्थियों को जितना हो सके अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सेवा भारती के राष्ट्रीय सचिव रामेन्द ने षिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि षिक्षक सब मिलजुल कर कार्य करते हैं एवं सबको एक साथ लेकर चलते हैं, षिक्षा स्वयं के लिये और समाज के विकास के लिए भी जरूरी है। उन्होंने बच्चों को हनुमान चालीसा की कुछ चौपाईयों का महत्व बताते हुए कहा कि इन चौपाईयों को प्रतिदिन पढ़ने से बुद्धि, विवेक और ज्ञान में वृद्धि होती है। कार्यक्रम में विषेष अतिथि श्रीमती डॉ. निषा सक्सेना ने कहा कि षिक्षा ही विकास की पहली सीढ़ी है, षिक्षा का उद्देष्य केवल डिग्री लेना ही नहीं बल्कि षिक्षा का उद्देष्य बच्चों को एक श्रेष्ठ नागरिक बनाना होना चाहिए, श्रेष्ठ विद्यार्थी के पाँच लक्षण होते हैं जिनमें माता-पिता का सम्मान करना, षिक्षक का सम्मान करना, सरल व सहज व्यक्तित्व, विनम्र होना और अपने कार्य को पूरी लगन और मेहनत से करना, षिक्षक केवल एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि ऊर्जा और प्रेरणा का स्त्रोत होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें संस्था के अध्यक्ष सुषील वासवानी ने सभी षिक्षकों को षिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पंरपरा आदिकाल से चली आ रही है, प्राचीन काल में गुरू को गुरू दक्षिणा देकर सम्मानित किया जाता है, उन्होंने कहा कि हमारे विद्यालय में प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है जिससे हनुमान जी की कृपा हमारे विद्यालय और बच्चों पर बनी रहती है। कार्यक्रम का संचालन षिक्षिक प्रिया थानवानी ने किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य आर. के. मिश्रा, कोर्डिनेटर सीमा शर्मा, समस्त षिक्षक-षिक्षिकाएं एवं विद्यार्थिगण उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में संस्था के कोषाध्यक्ष चन्दर नागदेव ने आए हुए सभी अतिथियों का संस्कार परिवार की तरफ से हार्दिक अभिवादन एवं आभार व्यक्त किया एवं सभी षिक्षक एवं षिक्षिकाओं को षिक्षक दिवस की बधाई दी।


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