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संत हिरदाराम नगर :- नारी शक्ति की मिसाल देने वाली है झांसी की रानी लक्ष्मीबाई: रामेश्वर शर्मा
बलिदान दिवस पर संतहिरदाराम नगर में महिलाओं ने पौधे लगाकर किया नमन भोपाल। खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी...रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य और वीरता पर लिखी प्रसिद्ध कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की ये यादगार कविता आज भी युवाओं को देशभक्ति के जज़्बे से भर देने का काम करती है। 18 जून नारी शक्ति की मिसाल देने वाली उसी रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ऐसी नायिका रहीं जिनके पराक्रम और साहस का जिक्र आज भी समय-समय पर किया जाता है।
अमर शहीद झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के बलिदान पर शुक्रवार को संत हिरदाराम नगर स्थित संत हिरदाराम गुलाब उद्यान में महिला नेतृत्व द्वारा पौधारोपण किया गया । इस मौके पर हुजूर विधानसभा के विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी पौधा लगाकर झांसी की रानी को नमन करते हुए कहा कि झांसी की रानी नारी शक्ति का प्रतीक है। उनके द्वारा किए गए बलिदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता है। श्री शर्मा ने कहा कि अमर शहीद झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने लड़ाई के मैदान में दुश्मनों के छक्के छुड़ाकर उनके होश उड़ा दिए थे। विधायक ने कहा कि भारत की नारी को कोई कमजोर न समझे। नारी जब-जब मैदान में उतरती है तो वह विजयी होती है। श्री शर्मा ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजी हुकूमत के आगे कभी झुकना स्वीकार नहीं किया और आखिरी दम तक झांसी की रक्षा के लिए अंग्रेजों से लड़ती रहीं। 18 जून के दिन ही उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था। रानी लक्ष्मीबाई का पराक्रम और साहस आज की नारियों के लिए प्रेरणादायी है। रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर, 1828 को बनारस के एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध बिगुल बजाने वाले वीरों में से एक थीं। बचपन में उनका नाम मणिकर्णिका था और प्यार से उन्हें मनु कहकर बुलाया जाता था। बचपन से ही मनु शस्त्र-शास्त्र की शिक्षा लेने लगी थी। नाना साहेब और तात्या टोपे से उन्होंने घुड़सवारी और तलवारबाजी के गुर सीखे थे। साल 1842 में मनु का विवाह झांसी के नरेश गंगाधर राव नवलकर से हुआ। तब वह सिर्फ 12 साल की थीं। विवाह के बाद उन्हें लक्ष्मीबाई नाम मिला। विवाह के बाद उन्होंने राजकुंवर दामोदर राव को जन्म दिया लेकिन कुछ माह बाद ही उनके ब'चे का निधन हो गया। गंगाधर राव ने तब अपने छोटे भाई के पुत्र को गोद लिया और उसे दामोदर राव नाम दिया। झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर गुलाब उद्यान में बड़ी संख्या में महिलाओं ने पौधे लगाकर उन्हें नमन किया।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष कमल विधानी, दीपा वासवानी, किरण बाधवानी, शीला शामनानी, कुसुम चतुर्वेदी, कला रजक, लीला राजपूत, विमला शर्मा, सृष्टि चौबे, जया हिमथानी, रश्मि अग्रवाल, हर्षिता शास्त्री, मधु मेहर सहित अन्य उपस्थित रहे ।
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