728x90 AdSpace

Latest News

भोपाल :- कभी दिव्यांग की लाठी, तो कभी बेसहारो का सहारा बनती है दिव्यजीवन संस्था

AJAY CHOUKSEY M 9893323269 

भोपाल :- कभी दिव्यांग की लाठी, तो कभी बेसहारो का सहारा बनती है दिव्यजीवन संस्था


 शिक्षा और चिकित्सा के साथ-साथ निर्धन व जरुरतमंद लोगों को कपड़े, जूते, भोजन व दवाइयां भी उपलब्ध कराती हैं दिव्यजीवन संस्था भोपाल : अपने लिए जिए तो क्या जिए ए दिल तू जी जमाने के लिए। यह बात दिव्यजीवन संस्था के सदस्य सही साबित कर रहे हैं। दिव्यजीवन संस्था के संस्थापक डॉ दिव्या भरतरे एवं डॉ. संस्कार सोनी ने दिव्यजीवन संस्था की शुरुआत 5 साल पहले 2017 में की थी। दो जनों से शुरु हुई इस संस्था से आज तीन हजार से ज्यादा सदस्य जुड कर समाज सेवा कर रहे हैं।

 अब तक कर चुके हैं हजार लोगों की मदद:


   दिव्यजीवन  संस्था के संस्थापक डॉ संस्कार सोनी ने बताया कि संस्था द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर के आयोजन से 10  हजार से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल चुका हैं। मुस्कुराहट का डिब्बा अभियान के द्वारा 50,000 से ज्यादा लोगों को कपड़े  दिए जा चुके हैं। इसी के साथ  दिव्यजीवन  संस्था दिव्यांग लोगों के लिए भी काम  कर रही है। इसमें अब तक सैकड़ों लोगों तक निशुल्क ट्राई  साइकिल, नकली हाथ-पैर, व्हिल चेयर, बैसाखी आदि उपलब्ध  कर आ चुके हैं। संस्था द्वारा  कच्ची बस्ती, सरकारी स्कूल, अनाथ आश्रम में रहने वाले 5000 से अधिक बच्चों को केंपस कंपनी के नए जूते पहना चुके हैं।

   

कई शहरों एवं गांवों मे कार्यरत है संस्था:

दिव्यजीवन संस्था भोपाल के अलावा  इंदौर, ग्वालियर, ब्यावरा, उज्जेन, जबलपुर के साथ ही राजस्थान के बिजोलिया, कोटा, भीलवाड़ा, गुजरात, बिहार आदी राज्यों में भी जरुरतमंद लोगों की मदद कर रही हैं।


कोरोना काल के दौरान भी कि कई लोगों की मदद:

डॉ दिव्या भरतरे ने बताया कि संस्था के सदस्य 24 घंटे कोरोना से पीड़ित व्यक्तियों एवं उनके परिवार के लोगों की मदद में लगे थे। आधी रात में भी मरीज को हॉस्पिटल में बेड उपलब्ध करवाना हो या दवाइयां  एवं  भोजन संस्था द्वारा इस मुश्किल दौर में भी सैकड़ों लोगों की मदद की गई।  दिव्यजीवन संस्था द्वारा फ्रंटलाइन वर्कर डॉक्टर्स व पुलिसकर्मियों को 500 पीपीई किट निशुल्क उपलब्ध कराए गए। दिव्यजीवन संस्था द्वारा किन्नर समुदाय के लिए भी विशेष अभियान चलाकर महीने भर का राशन उपलब्ध कराया गया।  कोरोना से पीड़ित ऐसे व्यक्ति जो घर पर ही आइसोलेट थे किंतु उनके पास पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर व नेबुलाइजर खरीदने के पैसे नहीं थे उनको भी संस्था ने यह सब उपलब्ध करवाया।

  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 Comments:

Post a Comment

Item Reviewed: भोपाल :- कभी दिव्यांग की लाठी, तो कभी बेसहारो का सहारा बनती है दिव्यजीवन संस्था Rating: 5 Reviewed By: mpcgnews.com