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संत हिरदाराम नगर :- विद्या धन से बड़ा कोई धन नही - श्रद्धेय सिद्ध भाऊ

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संत हिरदाराम नगर :- विद्या धन से बड़ा कोई धन नही - श्रद्धेय सिद्ध भाऊ 

संत हिरदाराम साहिब की प्रेरणा से संचालित शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा के साथ साथ संस्कार, व्यवहार कुशलता, नम्रता एवं धैर्य भी सिखाया जाता है। अवसर था परमहंस संत शिरोमणि हिरदाराम साहिबजी के आशीर्वाद से एवं उनके उत्तराधिकारी श्रद्धेय सिद्ध भाऊ के स्नेहपूर्ण मार्गदर्शन में संचालित संत हिरदाराम इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट में शिक्षक दिवस समारोह के आयोजन का।  अपने प्रेरक उद्बोधन में श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी जी ने स्नेहपूर्ण आशीर्वचन देते हुए जीवन में जीवन मूल्यों पर जोर दिया। हमारे संस्कार हमारे जीवन की जड़े हैं, जो मजबूती से हमारे जीवन रूपी वृक्ष को स्थिरता एवं विस्तार देते हैं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी एवं डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तियों के उदाहरण देते हुए बताया कि ईमानदारी और समर्पण ही सफलता की नींव हैं। विद्या धन को कोई नहीं चुरा सकता। उन्होंने छात्राओं से समय एवं स्वास्थ्य के बारे में अत्यधिक ध्यान देने का आह्वान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती, माँ भारती एवं संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। संस्थान के डायरेक्टर डॉ. आशीष ठाकुर ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया और श्रद्धेय सिद्ध भाऊ का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का जीवन में अमूल्य योगदान होता है। इस अवसर पर संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर हीरो ज्ञानचंदानी ने भी छात्राओं को आशीर्वाद दिया । अपने जीवन के अनेक व्यावहारिक अनुभवों को छात्राओं के साथ साझा करते हुए अत्यंत रोचक तरीके से भाऊजी ने बताया कि गुरु के प्रति कृतज्ञता की भावना से सभी प्रकार के सुख की प्राप्ति होती है। 'ज्योत से ज्योत जगाते चलो' की भावना से प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि जो काम प्रेम से हो सकता है, उसमे क्रोध करने से नुकसान होता है। क्रोध से हमारे नर्वस सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस अवसर पर संस्थान की ऐम. बी. ए., ऐम. बी. ए. इंटीग्रेटेड एवं बी. बी. ए. की छात्राओं ने कविता एवं गीत के रूप में अपने शिक्षकों के लिए सम्मान व्यक्त किया, जिन्हें श्रद्धेय सिद्ध भाऊ ने प्रशंसित किया। ऐम. बी. ए. इंटीग्रेटेड की छात्रा प्रेरणा कथाने के द्वारा बनायी गयी संत हिरदाराम साहिब जी की एवं श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी की नयनाभिराम तस्वीर का अनावरण भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में सिद्ध भाऊजी ने सभी शिक्षकों को उपहार देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर संस्था के सभी प्राध्यापकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कोमल तनेजा ने किया।

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