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संत हिरदाराम नगर :- मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस सम्मान समारोह हर्षोल्लास से मनाया
जिनके जीवन में गुरू नहीं, उनका जीवन निरर्थक - श्रद्धेय सिद्ध भाऊ मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस सम्मान समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य भारतीय संस्कृति की परिचायक गुरु-शिष्य परंपरा से छात्रों को परिचित कराना व जीवन में गुरु की महत्ता से अवगत कराना रहा। इस अवसर पर संस्था के मार्गदर्शक एवं प्रेरणा स्रोत श्रद्धेय सिद्ध भाऊ ने सभागार को संबोधित करते हुए समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ दी।उन्होंने गुरु को ईश्वर तुल्य बताते हुए कहा कि जिसके जीवन में गुरु नहीं उसका जीवन निरर्थक है। छात्र वही सर्वाेच्च स्थान पर पहुंँचता है, जो जीवन में माता-पिता व गुरुजनों के प्रति सम्मान, श्रद्धाभाव एवं कृतज्ञता का भाव रखता है। आपने लघु कथा के माध्यम से छात्रों को शिक्षक के पद की गरिमा व सार्थकता को बताते हुए कहा कि शिक्षक के स्थान के समक्ष समस्त व्यवसाय एवं धन निम्न है। शिक्षक ही वह सीढ़ी है जो देश की अमूल्य निधि अर्थात् छात्रों को तैयार करते हैं। उन्होंने विद्या धन अर्जित करने के लिए देश के विभिन्न नेताओं के उदाहरण के माध्यम से छात्र जीवन में अध्ययन के प्रति एकाग्रता, उत्तम मित्रता, कठिन परिश्रम, समय पाबंदी व उत्तम स्वास्थ्य को मूल मंत्र बताया। विद्यालय के प्राचार्य अजय बहादुर सिंह ने समस्त विद्यालय परिवार को शिक्षक दिवस की असीम शुभकामनाएँ प्रेषित की। कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय के स्कूल कैप्टन कृष्णा सीतलानी द्वारा आत्मीय स्वागत भाषण दिया गया।तत्पश्चात विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व करते हुए कक्षा छठवीं के छात्र सोमिल चेलानी एवं मौलिक जैन ने सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन की प्रेरणामयी जीवन शैली का संक्षिप्त परिचय दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में कक्षा छठवीं से नवीं तक के लगभग 40 छात्रों ने पियानो, गिटार, खंजरी, कांगो, मरकस, तबला आदि वाद्य यंत्रों के साथ मधुर गीत ‘गुरु से नाम मेरा‘ की सामूहिक प्रस्तुति देकर गुरु को ईश्वर तुल्य बताया।इसके पश्चात कक्षा पहली से आठवीं के लगभग 170 छात्रों ने 8 गीतों पर सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति में प्रबंधन समिति, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं ऑफिस स्टाफ का आभार व्यक्त करते हुए उनके मेहनत, त्याग, निस्वार्थ सेवाभाव, ममत्व, मार्गदर्शन, समीक्षक आदि भावों की भावपूर्ण प्रस्तुति दी।इसी कड़ी में कक्षा 10वीं, 11वीं व 12वीं के छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से शिक्षक-शिक्षिकाओं के निस्वार्थ सेवाभाव को प्रदर्शित करते हुए दर्शाया कि गुरु के जीवन की सार्थकता वास्तव में शिष्य के लक्ष्य प्राप्ति में ही निहित होती है।विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं ऑफिस स्टॉफ की कर्मनिष्ठा एवं समर्पण भाव के सम्मान में संस्था की ओर से सम्मान निधि, विशेष उपहार एवं पुष्प-गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही नियमितता, समय पाबंदी व अनुशासन के लिए मार्शल आर्ट कोच दीवान आहुजा एवं कक्षा नवीं के छात्र यशराज गोलानी को तथा उत्कृष्ट शिक्षिका के सम्मान से वंदना श्रीवास्तव व उत्कृष्ट शिक्षक अंकित यादव को विशेष उपहार से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर संस्था के घनश्याम बूलचंदानी (सचिव), के एल रामनानी (सहसचिव), थावर वरलानी (सदस्य), मनोहर वासवानी (सदस्य), भगवान दामानी (सदस्य), गोपाल गिरधानी (अकेडमिक डायरेक्टर)अजय बहादुर सिंह (प्राचार्य), कोऑर्डिनेटर शिक्षक -शिक्षिकाएं एवं छात्रगण उपस्थित रहे।कार्यक्रम का कुशल संचालन कक्षा नवीं के छात्र जतिन शर्मा, सौभाग्य गंगारमानी एवं शुभ ठाकुर द्वारा तथा आभार प्रदर्शन स्कूल वाइस कैप्टन मोहित दे द्वारा किया गया।कार्यक्रम का समापन समवेत रूप से राष्ट्रगीत के साथ किया गया।
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