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संत हिरदाराम नगर :- मिठी गोबिन्दराम पब्लिक स्कूल में संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी की 116वीं पावन जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
शहीद हेमू कालानी शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित विद्यालय मिठी गोबिन्दराम पब्लिक स्कूल में दिनांक 21सितम्बर 2021] को कर्मयोगी संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी की 116वीं पावन जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी ने तप-त्याग] दया]करूणा] परोपकार एवं प्रेम द्वारा सांसारिक जीवन को एक सूत्र में पिरोने का अथक प्रयास कर कर्मभूमि को पल्लवित करने का सदोपदेश दिया है। उनके इन्ही पावन उपदेशों को व्यवहारिकता एवं प्रासंगिता प्रदान करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन कर विद्वालय परिवार ने उनके निधि रूपी जयंती दिवस को आधुनिक तकनीकि शिक्षण पद्धति ऑनलाइन के माध्यम से उत्साह] उमंग एवं उनके आदर्श विचारों का मंथन कर हर्षोल्लास के साथ मनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी के श्री चरणों में सकारात्मक एवं ज्ञान के प्रतीक116 दीपों को प्रज्ज्वलित कर किया गया।
संत साहिब के प्रिय शिष्य, संस्थान के मार्गदर्शक परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी ने अपने प्रेषित संदेश में कहा कि संतों का सानिध्य पारसमणि के सदृश्य होता है| इनका अलौकिक प्रभाव किसी भी व्यक्ति को समाज उपयोगी बना सकता है |वास्तव में संत जी की आध्यात्मिकता जीव सेवा से आरंभ होकर परम तत्व में विलीन होने की यात्रा है |उन्होंने समाज के पीड़ितों की सेवा में स्वयं के जीवन की सार्थकता देखी थी और उनके सद्कार्य इसके प्रमाण हैं|
इसके साथ ही उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे स्वयं की अंतर्निहित शक्ति एवं प्रतिभा को सतत रूप से निखारने के लिए अध्ययन की प्रवृत्ति को निरंतरता प्रदान करें| क्योंकि शिक्षा हमें मानसिक सबलता के साथ समाज निधि बनाने का सामर्थ्य प्राप्त करवाती है| अतः संत जी के आदर्शो, सिद्धांतों निस्वार्थ सेवा भाव को अपने व्यावहारिक जीवन में उतारें| ताकि आपका जीवन भी आत्मगौरव से परिपूर्ण हो सके|
श्री हीरो ज्ञानचंदानी जी (संस्थान उपाध्यक्ष), श्री ए. सी.साधवानी जी (संस्था सचिव) एवं श्री के. एल. रामनानीजी (सह-सचिव) जी ने अपने संप्रेषित संदेश में संस्थान के समस्त शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को संत जी की जयंती की हार्दिक बधाई दी| तथा इस दिवस को आत्मचिंतन तथा संकल्प दिवस बताते हुए कहा कि मानव जीवन नैतिक मूल्य से ही अर्थपूर्ण हो पाता है| तथा हम सभी को 'स्व' से निकलकर परोपकार की दिशा में अग्रसर होना चाहिए| उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे संत साहिब के जीवन दर्शन से प्रेरणा लेकर स्वयं के जीवन को सही दिशा प्रदान करें| तथा स्वाध्याय के लिए तैयार एवं तत्पर रहें , अध्ययन की गंभीरता को सदैव याद रखें,' स्व ' कल्याण के साथ समाज के हितचिंतक भी बने|
डॉ. अजय कांत शर्मा जी (विद्यालय प्राचार्य) एवं श्रीमती रीटा गुरबाणी जी (उप प्राचार्य) ने अपने प्रेषित संदेश में कहा कि शुभ चिंतन, विचार एवं संकल्प सत्पुरुष,मनीषियों और संतों के सानिध्य में ही पल्लवित और फलित होते हैं| हम सभी परम सौभाग्यशाली हैं कि हम संत जी के आशीष, प्रेरणा एवं सहयोग रूपी शीतलता में आत्मविकास कर रहे हैं | उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वह संत साहिब जी के जीवन सिद्धांतों और आदर्शों का अनुपालन अवश्य करें| ताकि आप में विद्यमान सुप्त देवत्व भाव जाग सके|
संगीत विभाग द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विद्यालयीन शिक्षिका श्रीमती मधू आसूदानी के मार्गदर्शन में कक्षा 6वीं के छात्र भव्य संतानी ने संत जी के व्यक्तित्व पर आधारित सुविचार,श्रीमती कामिनी सोनी के निर्देशन में कक्षा 8वीं के छात्र आदित्य सोनी ने संत जी कल्याणकारी रूप एवं कार्यों को आलोकित कर उनके आदर्श कारी रूप से दर्शकों को जोड़ने का सार्थक प्रयास किया। इसी शृंखला में श्रीमती नीतू वासवानी के सहयोग एवं प्रेरणा से कक्षा 11वीं के छात्र लक्की मूलानी ने संत जी के व्यक्तित्व पर लघु भाषण तथा भूपेश पाठक जी के मार्गदर्शन में कक्षा 8वीं के छात्र - तन्मय शर्मा एवं वैभव लखानी ने महमोहक कविता का मंचन किया।
कक्षा 9वीं के छात्र स्वयं दासवानी, हर्षित मोरंदानी, श्याम बाबू, समीर चौहान, समीर सिद्दकी ने शिक्षिका श्रीमती सीमा तारे के निर्देशन में संगीतमय गुरूदोहों की मनोहारी प्रस्तुति एवं श्रीमती योग्यता शर्मा के मार्गदर्शन में संत जी के प्रकाशमय व्यक्तित्व पर कक्षा 7वीं के छात्र कृष्ण सदारंगानी, यथार्थ बसोने, प्रशंत समयाल एवं प्रियांश पाठक द्वारा हृदय स्पर्शी नृत्य प्रस्तुत किया गया।
संत जी के सहज सरल, कल्याणकारी एवं आत्म-चिंतन रूपी जीवन को छात्रों से परिचित कराने के लिए झाँकी के रूप में कृत्रिम कुटिया एवं प्राकृतिक शांति का मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करने का कार्यभार विद्यालयीन शिक्षिका सुश्री हुमा खान, सुश्री निशा थापा, श्रीमती रंजीता फुलवानी एवं श्रीमती अनीता श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
परमहंस संत हिरदाराम साहिबजी के आशीर्वाद के रूप में प्रसाद वितरण किया गया है।
प्रस्तुतियों को अत्यंत मनमोहक आकर्षक बनाने हेतु वीडियोग्राफी एवं ऑनलाइन मंच प्रदान करने में विशेष योगदान श्री राकेश घुँघराले जी का रहा।
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