AJAY CHOUKSEY M 9893323269
संत हिरदाराम नगर :- नवनिध हासोमल लखानी पब्लिक विद्यालय में संतशिरोमणि हिरदाराम साहिब जी का 'अवतरण दिवस'पूर्ण श्रद्धा भाव एवं सादगी के साथ मनाया गया।
प्रेरणा पुरुष श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के आशीर्वाद सेनवनिध हासोमल लखानी पब्लिक विद्यालय में दिनांक21 सितंबर को, शैक्षणिक क्रांति के सूत्रधार ,सत्य,करुणा व सेवा के संदेशवाहक संत शिरोमणि हिरदारामसाहिब जी का 'अवतरण दिवस' पूर्ण श्रद्धा भाव के साथमनाया
गया। सरकार के आदेशानुसार विद्यालय में कक्षा6वीं से 12वीं तक की कक्षाएँ संचालित की जा रही हैं।किंतु कोरोना संक्रमण के चलते अभी भी सामूहिककार्यक्रम व प्रार्थना सभा आदि गतिविधियाँ नहीं की जारही हैं। इस कारण विद्यालय में संत जी का अवतरणदिवस सादगी पूर्ण ढंग से व ऑनलाइन माध्यम से मनायागया।
इस अवसर पर संस्थान पथ प्रदर्शक श्रद्धेय सिद्धभाऊजी, श्री हीरो ज्ञानचंदानी (उपाध्यक्ष), श्री ए.सी.साधवानी (सचिव), श्री के.एल. रामनानी (सह सचिव),सुश्री अमृता मोटवानी (विद्यालय की प्राचार्य), समस्तस्टाफ व अन्य सभी संस्थान सदस्यों ने कर्मयोगी संतशिरोमणि हिरदाराम साहिब जी का स्मरण करते हुए उन्हेंश्रद्धा सुमन अर्पित किए एवं उनके द्वारा बताए गए सेवाके मार्ग का अनुसरण करने की सलाह दी। इस अवसरपर संस्था के उपाध्यक्ष श्री हीरो ज्ञानचंदानी जी ने अपनेप्रेरक उद्बोधन में सभी शिक्षक - शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि निष्काम भाव से जो सेवाकी जाती है वह इष्ट देव की सेवा कहलाती है | येबच्चियाँ भगवान का रूप हैं l अगर आप इन्हें सच्चीभावना से शिक्षा एवं अच्छे संस्कार देंगे तो आप ईश्वर सेजुड़े रहेंगे और आपकी यह सेवा पूजा बन जाएगी |आगेआपने कहा कि परम श्रद्धेय संत जी एवं श्रद्धेय सिद्धभाऊजी का आशीर्वाद हम सब पर सदैव बना रहे और वेहमें इतनी शक्ति दें कि हम उनके संकल्पों को पूर्ण करनेमें हमेशा सहयोगी बने रहें। विद्यालय की प्राचार्य सुश्रीअमृता मोटवानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि संत जी कासपना था कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अच्छेसंस्कार भी दिए जाएँ | इसी तारतम्य में उनके जन्मदिनके अवसर पर विद्यालय में हम यूनिवर्सल ह्यूमनवैल्यूज क्लब की शुरुआत कर रहे हैं जिसका उद्देश्यनैतिक शिक्षा को बढ़ावा देना है l इस क्लब के द्वारासमय-समय पर विभिन्न गतिविधियाँ संचालित कीजाएँगी जिनके द्वारा हम विद्यार्थियों में त्याग, देशप्रेम,सेवा एवं करुणा आदि के भाव जगा सकें |
इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से संत शिरोमणिहिरदाराम साहिब जी के संपूर्ण जीवन एवं उनकेउत्तराधिकारी श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी की शिक्षाओं कोजीवन में उतारने व जीव सेवा से मिलने वाले आत्मानंदकी मनोहर झांकी डॉक्यूमेंट्री के रूप में प्रस्तुत की गई|वीडियो के माध्यम से स्वामी जी के संपूर्ण जीवन एवंसेवा कार्य को प्रस्तुत किया गया | वीडियो में कक्षा दूसरीकी छात्रा कु.अनुष्का खूबचंदानी एवं कक्षा चौथी कीछात्रा कु.कनिष्का गुरबानी ने श्रद्धा भाव से संत जी केप्रति शब्दांजलि अर्पित की।इस ऑनलाइन कार्यक्रम कोवीडियोग्राफी द्वारा आकर्षक एवं मनमोहक रूप मेंप्रस्तुत करने का प्रशंसनीय कार्य शिक्षिका सुश्रीचारूकेशी तिवारी द्वारा किया गया।
स्वामी जी का मानना था कि "बूढ़े, बच्चे और बीमार, हैंपरमेश्वर के यार। करें भावना से सेवा इनकी, पाएँगेलोक-परलोक में सुख अपार।" इसी तर्ज पर उन्होंनेअपना संपूर्ण जीवन जीव सेवा में समर्पित कर दिया।उनकी प्रेरणा से श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के द्वारा सेवा कीकई गतिविधियाँ वर्तमान में संचालित हो रही हैं |संत जीकहते थे कि सेवा करने से मन निर्मल होता है और निर्मलमन ही प्रभु के चरणों में लगता है |उनका सपना था किउच्च कोटि की शिक्षा एवं संस्कार देकर अच्छे नागरिकतैयार किए जाएँ।इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु शिक्षा के क्षेत्र मेंअनेक विद्यालय एवं महाविद्यालयों की स्थापना की गई |संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी के आशीर्वाद सेसेवा का कोई कार्य शायद ही छूटा हो जहाँ स्वामी जी कीकृपा न रही हो|
इस अवसर पर विद्यालय में संगीत शिक्षक श्री जगदीशविश्वकर्मा ने सहयोगी कर्मचारियों के साथ मिलकर संतजी के जीवन पर आधारित मनोहर झाँकी सजाई।विद्यालय स्टाफ ने झाँकी के दर्शन कर संत जी सेआशीर्वाद प्राप्त किया।
0 Comments:
Post a Comment