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संत हिरदाराम नगर :- संस्कार विद्यालय में संत षिरोमणि हिरदाराम सहिब जी की 15वीं पुण्यतिथि पर.....
संस्कार विद्यालय में संत षिरोमणि हिरदाराम सहिब जी की 15वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्था के अध्यक्ष सुषील वासवानी, उपाध्यक्ष सुरेष राजपाल, सचिव बसंत चेलानी, कोषाध्यक्ष चन्दर नागदेव, गुलाब सेजवानी, लाल ग्वालानी ने संत जी के सेवा भाव को नमन करते हुए एवं स्वामी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष सुषील वासवानी ने संत जी के श्री चरणों में पुष्पाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि संत जी हमेषा सेवा का संकल्प लेते थे तथा सेवा की राह दिखाते थे और आज भी दिखाते है। उन्होने सेवा के महत्व को बताते हुए कहा कि संत कोई भी कार्य सेवा भी भवना से शुरू करते थे फिर वो चाहे करोड़ो रूपये का हो वो नारियल फोड़ कर चालू कर देते थे फिर वह कार्य अपने आप उनके आषीर्वाद से हो जाता था। संस्था के सचिव श्री बसंत चेलानी ने कहा कि हम बहुत ही सौभग्यषाली है कि हमें संत जी के रूप में साक्षात भगवान के दर्षन दिये है। उन्होने हमें जो मार्ग बताया है वो भी हम सब जानते है केवल जरूरत है उस मार्ग पर चलने की यदि हम संत जी के बताए हुए मार्ग पर चलेंगे तो निष्चत ही अपना, अपने परिवार का, अपने स्कूल का नाम रोषन करेंगे अंत में उन्होंने संतजी के बताए हुए वाक्य ‘‘ हमारा हृद्य उस वक्त खुष होगा जब यह दूसरों के लिए धड़केगा’’ के साथ अपनी वाणी को विराम दिया। कार्यक्रम में संस्था के कोषाध्यक्ष चन्दर नागदेव ने कहा कि संत हिरदाराम जी ने भक्ति और सिमरन पर जोर दिया है। उन्होंने संतजी के बारे में बताते हुए कहा कि संतजी की अपने गुरू के प्रति अटूट प्रेम था वे उनके हर एक वचन को हृद्य से लगाकर उनका पालन करते थे। संस्था के उपध्यक्ष सुरेष राजपाल ने संत जी के चरणों में नमन करते हुए कहा संतजी जेसे कर्मयोगी हमारे शहर में रहते थे और हम भाग्यषाली है जो ऐसे संतो के नगर में रहते है। इस अवसर पर संस्था के सह सचिव नरेष वासवानी ने संत जी को नमन करते हुए कहा कि संतजी हमेषा सेवा में तत्पर रहते थे हमें भी उसी तरह सदैव सेवा में तत्पर रहना चाहिए यही संतजी के चरणों में सच्ची श्रद्धाजंलि है। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य आर.के. मिश्रा, उपप्राचार्या मीनल नरयानी, समस्त षिक्षक समुदाय एवं विद्यार्थिगणों ने भी संत जी के छायाचित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की।
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