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संत हिरदाराम नगर :- सुदर्शन चक्र कोर ने स्वर्णिम विजय वर्ष की स्मृति में आयोजित किए कार्यक्रम
भोपाल। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर निर्णायक जीत के उपलक्ष्य में हर साल 16 दिसंबर को 'विजय दिवस' मनाया जाता है। युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के वर्चस्व के परिणामस्वरूप लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने अपने सैन्य नेता जनरल एएके नियाज़ी के साथ आत्मसमर्पण कर दिया, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा दर्ज आत्मसमर्पण था। युद्ध के अंत में एक नए राष्ट्र 'बांग्लादेश' का सृजन हुआ और 1947 के बाद से पाकिस्तान द्वारा बांग्लादेशी नागरिकों के उत्पीड़न का दौर खत्म हुआ । इस साल, देश इस ऐतिहासिक जीत के पचासवें वर्ष को 'स्वर्णिम विजय वर्ष' के तत्वधान मे मना रहा है। सुदर्शन चक्र कोर ने भी इस दिन को राष्ट्र के वीरों को समर्पित करने के लिए 16 दिसंबर 2021 को भोपाल में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया ।इस अवसर पर, सुदर्शन चक्र कोर ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले देश के बहादुरों को नमन करने के लिए भूतपूर्व सैनिकों और सैन्य कर्मियों की उपस्थिति में अपने युद्ध स्मारक पर एक श्रृद्धांजलि समारोह का आयोजन किया। सुदर्शन चक्र कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ के साथ 1971 के युद्ध के वरिष्ठ भूतपूर्व सैनिकों ने कोर के सभी रैंकों और दिग्गजों की ओर से माल्यार्पण किया।
इस दिन से जुड़ी गौरवशाली विरासत के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से स्मारक कार्यक्रमों में 'स्वर्णिम विजय रन' का भी आयोजन किया गया । इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनने पर गर्व की भावना के साथ 142 प्रतिभागियों ने इस दौड़ में भाग लिया। इसके बाद एक स्वर्णिम विजय हॉल का भी उद्घाटन किया गया जो समस्त सशस्त्र बलों और विशेष रूप से सुदर्शन चक्र कोर की समृद्ध विरासत और शक्ति को प्रदर्शित करता है।
स्वर्णिम विजय वर्ष कार्यक्रम का समापन एनसीसी कैडेटों द्वारा एक ऊर्जावान देशभक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसमें देश के युद्ध नायकों के प्रति आभार की भावना का संचार किया गया । इन्ही लोगो ने देश को एक शानदार जीत दिलाई जिसके फलस्वरूप एक नए देश का जन्म हुआ।
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