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भोपाल :- मिठ्ठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास, उत्साह एवं उमंग संग मना परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी का 69वाँ जन्मोत्सव।
दिनांक 23 दिसम्बर 2021 को शहीद हेमू कालानी शिक्षण संस्थान के मिठ्ठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में विद्यालयीन परिवार ने संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी के अनुयायी, उत्तराधिकारी एवं उनके परम शिष्य श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी का 69वां जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास, उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया गया। संस्था-उपाध्यक्ष सम्माननीय हीरो ज्ञानचन्दानी ने इसी क्रम में अपने उद्बोधन में सभी विद्यार्थियों से अपील की, कि वे मूक पशु-पक्षियों को नियमित दाना-पानी दें, प्रतिदिन माता-पिता एवं घर के वृद्ध-जनों के चरणों की रज अपने मस्तक पर लगाएं एवं संध्याकाल में परिवार सहित आरती कर उस परमसत्ता को स्मरण करते हुए उसका आशीष ग्रहण करें। तभी सच्चे अर्थों में श्रद्धेय भाऊजी के जन्मोत्सव को मनाने की सार्थकता होगी। संस्था-सचिव सम्माननीय ए.सी. साधवानी ने विद्यालयीन परिवार की ओर से परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी को उनके 69वें जन्मोत्सव की पावन बेला पर असीम शुभकामनाएँ संप्रेषित करते हुए उनके स्वस्थ, दीर्घायु एवं प्रसन्न जीवन की मंगल कामना की। साथ ही छात्रों को संबोधित करते हुए भाऊजी के विद्यार्थी जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी अपने विद्यार्थी जीवन से ही कर्मठ, परिश्रमी, लगनशील एवं विनयशील विद्यार्थी रहे हैं। अध्ययन के प्रति दायित्व बोध की भावना एवं उपर्युक्त गुणों के कारण सदैव उनके मुख-मण्डल पर तेज, आभा एवं आत्मविश्वास विद्यमान रहता था। इसके साथ ही वे विद्यालय की प्रत्येक गतिविधियों में अग्रणी रहते हुए अपने दायित्वों का निर्वाहन भली-भाँति करते थे। अतः उनके इन्हीं गुणों के कारण संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी ने अपने जीवन काल में ही उन्हें अपना उत्तराधिकारी स्वीकार कर लिया था। तथा आज वे सेवा सदन, आरोग्य केन्द्र, भगवान कला केन्द्र, नवयुवक परिषद जैसे संस्थान से जुड़ी शाखाओं के प्रति पूर्ण कर्मठता, परिश्रम, ईमानदारी एवं दायित्वबोध की भावना का निर्वाहन करते हुए संत जी के सपनों को साकार करने का अथक एवं सफल प्रयास कर रहें है।
इसी तारतम्य में विद्यालयीन प्राचार्य महोदय डाॅ. अजयकांत शर्मा ने विद्यालयीन परिवार की ओर से भाऊजी को असीम मंगल-कामनाएँ प्रेषित की एवं भाऊजी के द्वारा किए जा रहे समाज कल्याण, मानव सेवा, पशुपक्षियों हेतु दाना-पानी की व्यवस्था, निस्वार्थ सेवा भावी कार्यों पर भी प्रकाश डाला। इसी के साथ उन्होंने बच्चों को यह भी बताया कि किस प्रकार श्रद्धेय भाऊजी ने संत जी की शिक्षाओं और उनकी हर आज्ञा का पालन कर समाज में इतना महानतम व्यक्तित्व प्राप्त किया है। इसी प्रकार हर बच्चा अगर अपने माता-पिता, बड़े-बुजुर्ग एवं अपने गुरूजनों का सम्मान करके उनकी हर आज्ञा का पालन करें तो वह भी एक दिन ऐसा ही सामर्थय हासिल कर सकते हैं।
विचाराभिव्यक्ति की इसी श्रंखला में विद्यालयीन उपप्राचार्या रीटा गुरबानी ने परमश्रद्धेय सिध्द भाऊजी के पावन जन्म दिवस के अवसर पर कहा कि भगवान ने माँ को बनाया, पिता को बनाया ताकि बच्चों को प्रेम और मार्गदर्शन मिलता रहे। हम सभी के मार्गदर्शन हेतु संत जी और परमश्रध्द्ेय सिद्ध भाऊजी को अवतरित किया ताकि हम उनकी शिक्षाओं पर चलें। परम श्रध्द्ेय सिध्द भाऊजी के जन्म-दिवस की इस पावन बेला पर 69 दिये जलाए गए। साथ ही साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन आॅनलाइन पद्धति के माध्यम से किया गया। जिसकी रूप रेखा में भाऊजी का जीवन परिचय, जन्मदिवस पर मंगलगीत, कविता पाठ, कार्ड मेकिंग एवं भाऊजी के अभिप्रेरित संदेशों की शंृखला का प्रस्तुतिकरण पी.पी.टी प्रेसेन्टेशन के माध्यम से किया गया जिसमें विद्यालय शिक्षिका सुश्री हुमा खान, श्रीमती दुर्गा मिश्रा एवं श्रीमती निशा थापा का विशेष योगदान प्रशंसनीय रहा।
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