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संत हिरदाराम नगर :- संत हिरदाराम साहिब जी के 16वें ‘‘महाप्रयाण दिवस’’ श्रद्धांजलि कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन
दिनांक 21 दिसम्बर 2021 को मानवता के पुजारी, कर्मयोगी, ब्रह्मलीन परमहंस संत हिरदाराम साहिबजी का ‘‘महाप्रयाण दिवस’’ शहीद हेमू कालानी एजूकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित मिठ्ठी गोबिन्दराम पब्लिक स्कूल में पूर्ण श्रद्धा, विवास, सेवाप्रण एवं आस्था के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को परमहंस हिरदाराम साहिब जी के असाधारण व्यक्तित्व, उनके जीवन आदर्शों तथा सिद्धांतों से परिचित कराना तथा इन सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से आत्मसात करना रहा। संतजी के प्रिय शिष्य तथा संस्थान के प्रेरणापुरूष श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी ने अपने प्रेषित संदेश में कहा कि हमारे मानव जीवन की सार्थकता तभी है जब हम प्राणीमात्र के प्रति कल्याण की भावना रखते हुए, मानवीय मूल्यों से युक्त होकर दया, परोपकार, परसेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाएँ। यही हमारे द्वारा संत साहिब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने परमहंस संतजी का संदेश देते हुए बताया कि जीवन में दुख दर्द दूर करने और असीम आनंद की प्राप्ति हेतु समस्त प्राणियों से प्रेमपूर्वक व्यवहार करें, दीन-दुखियों की यथा-शक्ति सेवा करें, किसी का भी दिल न दुखाएं, बच्चों में पावन संस्कारों को विकसित करें, परिवार के सभी सदस्य आपस में संवाद किया करें, किसी से शत्रुता न रखें, बुरे व्यक्ति से भी अच्छा व्यवहार करें, क्षमा की प्रवृति रखें और प्रतिदिन कुछ समय निकालकर प्रभु का ध्यान करें। इससे आपके मन को चिरस्थाई शांति प्राप्ति होगी और आपका हर क्षेत्र में उत्थान होगा।संस्थान उपाध्यक्ष श्री हीरो ज्ञानचंदानी ने अपने गहन विचार साझा किए जिन्होंने पवित्र आत्मा के अपार आशीर्वाद के प्रति आभार व्यक्त किया जो सकारात्मकता और आशावाद का सच्चा कारण है। उन्होंने ऐसे महान व्यक्तित्व के जीवन की घटनाओं पर बोलने का सौभाग्य महसूस किया, जिन्होंने इस क्षणिक दुनिया को छोड़ दिया लेकिन हम सभी का मार्गदर्शन करना जारी रखा। उन्होंने संतजी के जीवन से सीखने और अनुशासित जीवन शैली और स्वस्थ भोजन की आदतों को अपनाकर व्यक्ति के जीवन को फलदायी बनाने पर जोर दिया।संस्था सचिव, श्री ए.सी साधवाणी, ने अपनें सम्प्रेषित उद्बोधन में शहीद हेमू कालानी एज्युकेशनल सोसायटी की ओर से ब्रम्हलीन परमहंस संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी को आत्मिक श्रद्धांजलि ज्ञापित करते हुए कहा कि प्रभु चरणों में लीन, मानवता में आस्था रखने वाले तथा सद्गुणों को व्यवहार में लाने वाले सेवक देवतुल्य हो जाते हैं। संस्था सह-सचिव श्री के.एल.रामनानी ने अपनें उद्बोधन में कहा कि संत साहिब जैसे महान व्यक्तित्वों का जन्म ‘अवतरण’ दिवस एवं परलोक गमन को ‘महाप्रयाण’ दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही साथ उन्होंने छात्रों से अपील की, कि जीवन में सदैव मानवीय मूल्यों को स्थान दें। हमारे इन्हीं गुणों से हमें संत जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और हम निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकेंगे। उन्होंने संत जी के ध्येय वाक्य ‘‘बूड़े, बच्चे और बीमार, हैं सब परमेश्वर के यार, करें भावना से इनकी सेवा, तो पाएंगे लोक परलोक सुख अपार’’ पर सभी को चलने की आवश्यकता बताई, जिससे संत जी का आशीर्वाद सदैव हम सभी को स्वस्थ, सुखी एवं परमार्थ सेवा में सत्त लगाए रखने हेतु प्रेरित करता रहे एवं हमारे जीवन के सभी उद्देश्यों की पूर्ति सुगमता से करसकें। विद्यालयीन प्राचार्य डाॅ. अजय कांत शर्मा एवं उप-प्राचार्या श्रीमती रीटा गुरबानी ने अपने सम्प्रेषित वक्तव्य में ब्रह्मलीन संत साहिब जी के आदर्शमय व्यक्तित्व को उल्लेखित करते हुए कहा कि समाज के वास्तविक उद्धारक संत ही होते हैं। संतों की उपस्थिति से ही नैतिक मूल्य स्थायित्व पाते हैं। आज के इस दिवस पर हमें उनके जीवन आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लेना चाहिए।कार्यक्रम का आयोजन आॅनलाइन तकनीक द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम की रूपरेखा के अंतर्गत मातृभाषा हिन्दी एवं सिंन्धी में गुरू वन्दना गायन, संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी के अनमोल वचन का प्रस्तुतिकरण एवं संत जी पर आधारित डाॅक्यूमेन्ट्री तथा उनकी प्रेरणा से संचालित कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला गया। इसी तारतम्य में विद्यालय के काॅडिनेटर्स, शिक्षकीगण एवं सी.बी.एस.सी. आब्जरवर श्री विनोद गुप्ता की उपस्थिति से हम सभी गरिमामय हुए।
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