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संत हिरदाराम नगर :- संत हिरदाराम कन्या महाविद्यालय में वर्चुअल राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन।
सोमवार, दिनांक 28 फरवरी, 2022, संत हिरदाराम कन्या महाविद्यालय के विज्ञान विभाग द्वारा इंटीग्रेटेड अप्रोच इन सांइस एंड टेक्नोलाॅजी फाॅर सस्टेनेबल फ्यूचर विषय पर एक दिवसीय वर्चुअल राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देष्य वर्तमान समय में विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे विभिन्न नवाचारों से परिचित कराना था।संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में स्वागतीय उद्बोधन में महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. डालिमा पारवानी ने कहा कि वर्तमान समय विज्ञान एवं तकनीक का है इस परिप्रेक्ष्य में संगोष्ठी का विषय बहुत प्रासंगिक है। विज्ञान में हो रहे नवाचार की जानकारी एवं भविष्य में उसकी उपादेयता को लेकर यह संगोष्ठी सभी का ज्ञानवर्धन करेगी, ऐसा मेरा विष्वास है। साथ ही संगोष्ठी में समस्त शोधार्थियों के अनुभव एवं ज्ञान को जानने समझने तथा चर्चा का अवसर प्राप्त होगा। ए.सी. साधवानी, सचिव, शहीद हेमू कालानी ऐजुकेषनल सोसायटी, भोपाल ने संस्थागत परिचय देते हुए कहा कि संस्था मंे षिक्षा के साथ सुमिरन एवं सेवा का ध्येय प्रमुख है तथा यह भावना एवं संस्कार विद्यार्थियों के जीवन में रोपित करने का कार्य कर रहें हैं। यह संगोष्ठी अपने आप में विषिष्ट है। आधुनिक युग में अनुसंधान एक महत्वपूर्ण विषय है। यह संगोष्ठी मानव जाति के हित में विज्ञान के नवाचारों को प्रसारित करने का अवसर प्रदान करेगी। संगोष्ठी में आयोजित उद्धघाटन सत्र में विषिष्ट अतिथि एवं वक्ता के रूप में प्रो. आर.सी. दुबे, डीन अनुसंधान, गुरूकुल कांगड़ी विष्वविद्यालय, उत्तराखण्ड तथा प्रथम तकनीकी सत्र में विषेष अतिथि एवं विषय विषेषज्ञ के रूप में डाॅ. गीता तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायन विभाग, कुमाऊं विष्वविद्यालय, नैनीताल के साथ द्वितीय तकनीकी सत्र में विषेष अतिथि एवं विषय विषेषज्ञ के रूप में प्रो. अनुराग श्रीवास्तव, एप्लाइड सांइसेज विभाग, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर एवं तृतीय तकनीकी सत्र में विषेष अतिथि के रूप में डाॅ. अलका प्रधान, विभागाध्यक्ष, रसायनषास्त्र विभाग, शा. एम.व्ही.एम., भोपाल तथा संगोष्ठी के समापन सत्र में विषिष्ट अतिथि एवं वक्ता प्रो. सर्दुल सिंह संधु, बायोलाॅजिकल साइंस, आर.डी. यूनिवर्सिटी, जबलपुर, म.प्र. उपस्थित थे। विषिष्ट अतिथि प्रो. आर.सी. दुबे ने आयोजन समिति को बधाई देते हुए वैष्विक महामारी कोविड के बारे में सविस्तार बताया। आपने वायरस के संरचनात्क बदलाव, कार्यप्रणाली तथा इसके रोकथाम के उपायों को प्रभावी ढंग से बताया। आपने प्राकृतिक औषधियों द्वारा कई बीमारियों के उपचार भी बताये। प्रथम तकनीकी सत्र में कीनोट स्पीकर डाॅ. गीता तिवारी ने महाविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए वेल्थ एंड हेल्थ प्रोस्पेक्ट्स आॅफ ऐरोमैटिका एंड मेडिषनल प्लांटस विषय पर वक्तव्य दिया। औषधीय पौधों की उपयोगिता के साथ संरक्षण एवं उनके सवंर्धन की प्रक्रिया बताते हुए वर्तमान समय में इसके उपयोग तथा प्रभावों को विस्तार से बताया। द्वितीय तकनीकी सत्र में विषय विषेषज्ञ प्रो. अनुराग श्रीवास्तव ने इनवायरमेन्ट एंड एनर्जी चेलेंजस विषय पर अपने उद्बोधन में ऊर्जा के विभिन्न स्रोत, उनके उपयोग तथा भविष्य में ऊर्जा के लिए चुनौतियांे एवं अवसरों को विस्तार से बताया। तृतीय तकनीकी सत्र में कीनोट स्पीकर डाॅ. अलका प्रधान ने इनहेरेन्टली सेफर केमेस्ट्री फाॅर सस्टेनेबिलिटी फाॅर फ्यूचर जनरेषन विषय पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि प्रकृति ने मानव को समस्त प्रकार की उपयोगी सामग्रियां प्रदान की हैं अतः हानिकारक कृत्रिम खाद्य पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए, प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का कौषलपूर्ण विकास हमें समृद्ध बनायेगा। संगोष्ठी के समापन सत्र में विषिष्ट अतिथि एवं वक्ता प्रो. सर्दुल सिंह संधु ने संगोष्ठी की आयोजन समिति एवं समस्त शोधपत्र प्रस्तुतकर्ताओं को हार्दिक बधाई दी एवं इंटीग्रेटेड अप्रोच इन बायो डिज़ाइनिंग फाॅर सस्टेनेबल फ्यूचर विषय को सविस्तार बताया।संगोष्ठी के समापन सत्र में संस्था के उपाध्यक्ष हीरो ज्ञानचंदानी ने सभी को बधाई हुए कहा कि अकादमिक उत्थान के लिए हमें निरन्तर शोधपरक कार्य करने होंगे। यह संगोष्ठी विज्ञान विषय से संबंधित समस्त शोधार्थी, वैज्ञानिक, षिक्षाविद् एवं विद्यार्थियों के लिए ज्ञानार्जन का माध्यम बनी। संगोष्ठी के द्वारा विज्ञान के आधारभूत सिद्धांतों को समझने का अवसर प्राप्त हुआ। इस संगोष्ठी में देष के वरिष्ठ षिक्षाविद्, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुई। संगोष्ठी में आयोजित तीन तकनीकी सत्रों में विभिन्न विषयों पर आधारित पेपर प्रस्तुतिकरण के साथ बेस्ट पेपर अवार्ड इरफान अहमद पर्रे को प्रदान किया गया तथा बेस्ट साइंस स्टूडेन्ट अर्वाड कु. अवनि शर्मा को प्रदान किया गया, जो कि स्वर्गीय निर्मला त्रिवेदी की स्मृति में दिया गया। संगोष्ठी प्रतिवेदन प्रो. शाज़िया खान, विभागाध्यक्ष, बायोटेक्नोलाॅजी द्वारा प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय प्रबंधन ने संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु सह-संयोजक डाॅ. चन्द्रा पालीवाल एवं डाॅ. माधवी गौड़ सहित समस्त विज्ञान संकाय की सभी प्राध्यापिकाओं एवं आयोजन समिति को हार्दिक बधाई दी।
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