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संत हिरदाराम नगर :- नवनिध हासोमल लखानी पब्लिक विद्यालय में स्वतंत्रता सेनानी शहीद हेमू कालानी की जन्म शताब्दी वर्षगांठ पूर्ण श्रद्धा भाव से मनाई गई।

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संत हिरदाराम नगर :- नवनिध हासोमल लखानी पब्लिक विद्यालय में स्वतंत्रता सेनानी शहीद हेमू कालानी की जन्म शताब्दी वर्षगांठ पूर्ण श्रद्धा भाव से मनाई गई।


 ब्रह्मलीन संत हिरदाराम साहिब के आशीर्वाद एवं संस्था के प्रेरणापुंज श्रद्धेय सिद्ध भाऊ के मार्गदर्शन में आज दिनांक 23 मार्च  2022 को नवनिध हासोमल लखानी पब्लिक विद्यालय की प्रार्थना सभा मेंए वीर स्वतंत्रता सेनानी शहीद हेमू कालानी जी की सौवीं जयंती पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वतीए माँ भारतीए संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी एवं शहीद हेमू कालानी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर की गई।इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य अमृता मोटवानी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद हेमू कालानी ने अल्पायु में ही देश के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया था। वीर हेमू कालानी के शौर्य एवं अदम साहस से प्रभावित होकर व उनके प्रति श्रद्धा भाव को प्रकट करने हेतु हमारी शिक्षण संस्था का नामकरण उनके नाम पर किया गया है। आपको भी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने अंदर देशभक्ति की भावना जागृत करनी है। उनकी तरह निडर एवं साहसी बनना है। आलस्य का त्याग करना है। आपको खूब मन लगाकर पढ़ाई करना है ताकि भविष्य में आप उच्च पदों पर आसीन होकर अपनी मातृभूमि की सेवा कर सकें। किसी भी देश की उन्नति तभी संभव है जब वहाँ रहने वाले प्रत्येक बच्चे का भविष्य उज्जवल हो।आप सभी श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी द्वारा बताई गई सभी बातों को जीवन में अपनाएँ व अच्छे संस्कार प्राप्त कर अच्छे इंसान बनें।कार्यक्रम की अगली कड़ी में विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका एवं कोऑर्डिनेटर सुश्री रेखा केवलानी ने अपने वक्तव्य में शहीद हेमू कालानी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे बचपन से ही सर्वगुण संपन्न व होनहार बालक थे। प्रारंभ से ही पढ़ाई.लिखाई के अलावा अच्छे तैराकए तीव्र साइकिल चालक तथा अच्छे धावक भी थे । इन्हीं सभी गुणों के साथ साथ वे एक सच्चे देशभक्त थे एवं देशभक्ति को उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य माना। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु आपने अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया। स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु इन्हीं कार्यों में अग्रसर रहते हुए शहीद हेमू कालानी को 21 जनवरी 1943 को फांसी की सजा सुनाई गई और उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा के रूप में भारत वर्ष में फिर से जन्म लेने की इच्छा जाहिर करते हुए हँसते.हँसते देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। आपने बताया कि शहीद भगत सिंह की पुण्यतिथि व शहीद हेमू कालानी जी की जन्म तिथि दिनांक 23 मार्च ही है। इसी कारण इन्हें सिंध का भगत सिंह भी कहा जाता है। हमें आज उनकी जयंती पर उनके जीवन से यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम देश के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए हमेशा तैयार रहें। निडर बनेए सच का साथ दें ए सही और गलत में फर्क को पहचानेंए पढ़ाई में अव्वल रहें और हमेशा देश के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहें। कार्यक्रम में शहीद हेमू कालानी एजुकेशनल सोसाइटी के उपाध्यक्ष हीरो ज्ञानचंदानीए सचिव  एण्सीण् साधवानीएप्राचार्य अमृता मोटवानी एवं शिक्षक. शिक्षिकाओं सहित सभी छात्राएँ उपस्थित रहीं।


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